रिश्तों ने ही कर दिए रिश्तों के खून : रिश्तों पर भारी पड़ गया क्रोध और आवेश
बारां. वर्तमान जीवनशैली में निरन्तर हो रहे बदलाव के चलते समाज के सामाजिक तानेबाने में भी विकृति आती जा रही है। इसके चलते छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते ही रिश्तों के खून के प्यासे नजर आते हैं। विकृत मन और कुत्सित मानसिकता के चलते जिले में गत वर्ष करीब एक दर्जन से अधिक हत्याएं ऐसी हैं जिनमें रिश्तों ने ही रिश्तों को कलंकित किया है। वर्ष 2021 में जिले में करीब 35 हत्याओं के प्रकरण विभिन्न थानो में दर्ज हुए। इनमें से करीब एक दर्जन हत्याएं आपसी रिश्तों में विकृतियों के कारण हुई। जिले में होने वाली हत्याओं के कुल मामलों में यह एक गंभीर आंकड़ा कहा जा सकता है।
संस्कार सबसे अहम हत्या की ऐसी घटनाएं समाज व सामाजिक जीवन को बुरी तरह झकझोर कर रख देती हैं। इस अर्थयुग में बदलती जीवनशैली मानसिक तनाव, शक व वहम ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। इन सबके बावजूद भी घर परिवार व पीढिय़ों से चले आ रहे संस्कार जीवन को सहज व सरल बनाए रखने में कारगर होते हैं।
ये हुई हत्याएं 23 फरवरी 2021 किशनगंज थाना क्षेत्र में मृतक की पत्नी ने प्रेमी जीजा के साथ षडयंत्र रचकर अपने पति की हत्या की। 08 जून 2021 कवाई थाना क्षेत्र के सालपुरा में टापरी से लाइट के तार हटा दिए जाने के मामूली विवाद में पुत्र ने चाकू से वार करके पिता को ही मौत के घाट उतार दिया। 08 जून 2021 बारां के सदर थाना क्षेत्र में सम्पत्ति विवाद के चलते भाई ने ही सगे भाई की ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी। 27 अप्रेल 2022 इस वर्ष करीब एक माह पूर्व छीपाबड़ौद थाना क्षेत्र में एक महिला ने अपने ही छोटे से पुत्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी।ऐसे ही करीब एक दर्जन से अधिक मामले हैं, जिनमें रिश्तों ने ही रिश्तों को तार-तार कर दिया।
मानसिक विकृति व नशे की प्रवृति ऐसे मामलों के लिए जिम्मेदार है। वहीं महत्वकांक्षा, बेरोजगारी तथा शक, वहम भी ऐसी हत्याओं का कारण बन जाता है। नियमित योगाभ्यास, प्राणायाम व ध्यान से मन को सहज व सरल रखा जा सकता है। डॉक्टर अनुराग खींची, वरिष्ठ चिकित्सक मनोरोग जिले में गत वर्ष 2021 में करीब 35 हत्या के मामले विभन्न थानों में दर्ज हुए थे। इनका खुलासा पुलिस ने मेहनत व अथक प्रयास करके किया। जांच में सामने आया कि इनमें करीब एक दर्जन हत्याएं आपसी रिश्तों में ही हुई हैं। कल्याणमल मीना, पुलिस अधीक्षक, बारां