अब कैसे कहें कि हम फोरलेन पर सफर कर रहे हैं? प्रत्येक सौ मीटर की दूरी पर भरे हैं पानी के ‘डाबरे
बारां. जिले की सीमा से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर मानसून के सक्रिय होने के बाद सफर और भी मुश्किल हो गया। आलम यह है कि इस राजमार्ग के प्रत्येक सौ मीटर की दूरी पर एक बड़ा डाबरा है, जिसमें बरसाती पानी है। यह डाबरे वाहन चालकों की जरा सी नजर चूकते ही दुर्घटनाओं का सबब बनने लगे हैं। देश के कई प्रमुख मार्गों को जोडऩे वाला यह राष्ट्रीय राजमार्ग बीते तीन दिनों से जारी बरसात के बाद और भी जर्जर हो गया।
-राष्ट्रीय राजमार्ग 27 के हाल
-बारां जिले की सीमा में दरक गई डामर की ऊपरी परत
बारां. जिले की सीमा से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर मानसून के सक्रिय होने के बाद सफर और भी मुश्किल हो गया। आलम यह है कि इस राजमार्ग के प्रत्येक सौ मीटर की दूरी पर एक बड़ा डाबरा है, जिसमें बरसाती पानी है। यह डाबरे वाहन चालकों की जरा सी नजर चूकते ही दुर्घटनाओं का सबब बनने लगे हैं। देश के कई प्रमुख मार्गों को जोडऩे वाला यह राष्ट्रीय राजमार्ग बीते तीन दिनों से जारी बरसात के बाद और भी जर्जर हो गया। इस पर कदम-कदम पर खतरा मानो घात लगाए बैठ गया। इस मार्ग से गुजरने वाले लोग इसे राष्ट्रीय राजमार्ग मामने तक को तैयार नहीं होते। शुुक्रवार को पत्रिका टीम ने शुक्रवार को बारां शहर की पुलिस लाइन से किशनगंज के निकट पार्वती पुलिया तक करीब १७ किलोमीटर राजमार्ग का जायजा लिया तो हालात इतने बदतर मिले कि प्रशासन व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण के दावों की हवा निकली दिखी।
कई जगह पानी की तलाइयां
इस दूरी पर कुछ ऐसे स्थान भी मिले जहां किनारों पर काफी दूरी तक पानी की छोटी तलाइयां भरी हुई थी। इन्हें देख इतना तो पुख्ता हो ही गया कि इसके निर्माण के दौरान फोरलेन से बरसाती जल की निकासी के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। इससे भी सड़क साल दर साल दरकती जा रही है। यह तलाइयां बड़े शहरों के लोगों को सफर के दौरान हैरत में डालती हैं।
गांवों की गोशालाएं भी खुल गई
बरसात के दिनों में इस राजमार्ग से सटे गांवों के पशु भी इस पर पड़ाव डाल रहे हैं। पशुओं के झुंडों को सड़क पर पहुंचने से रोकने के लिए कोई इन्तजाम नहीं किए हुए हैं। इसके चलते बीते वर्षों में कई हादसे ऐसे हुए हैं, जिनमें दर्जनों लोग असमय काल का ग्रास बन गए। पिछले दो माह में इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसों में करीब ३० जनों की मौत हुई है।
टोल वसूलने में होती है दिक्कत
इस मार्ग पर फतेहपुर गांव के निकट स्थित टोल प्लाजा के प्रबंधक धीरेन्द्र शुक्ला का कहना है कि यहां गुजरने वाले कई वाहन चालक तो टोल चुकाने के दौरान इसे राष्ट्रीय राजमार्ग मानने से इनकार करते हुए खासी बहस भी करते हैं। उनका कहना सही होता है, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अनुबंध होने के कारण टोल तो लेते ही हैं।
-राष्ट्रीय राजमार्ग पर डामर की नई परत चढ़ाई जाएगी। इसके लिए वर्तमान में चढ़ी परत को पूरी तरह हटाया जाएगा। राजमार्ग प्राधिकरण ने 208 करोड़ के इस कार्य के लिए कार्यादेश जारी कर दिया है। नई परत चढऩे में अब नौ माह का समय लगेगा।
इन्द्र सिंह राव, जिला कलक्टर बारां
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