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आखिर जुलाई से पहले बच्चों को स्कूल जाना क्यों नहीं है पसंद, पढि़ए खास रिपोर्ट…

locationबारांPublished: Jul 01, 2017 09:15:00 am

Submitted by:

shailendra tiwari

बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने केे लिए शिक्षा विभाग ने जुलाई से पहले सरकारी स्कूल खोल तो दिए लेकिन स्कूलों में छात्र-छात्राएं काफी कम पहुंच रहे हैं।

बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने केे लिए शिक्षा विभाग ने जुलाई से पहले सरकारी स्कूल खोल तो दिए लेकिन स्कूलों में छात्र-छात्राएं काफी कम पहुंच रहे हैं। वहीं जो छात्र-छात्राएं स्कूल आ रहे हैं उन्हें भी थोड़ा बहुत अध्ययन कराने के बाद घर जल्दी भेज दिया जाता है। 
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जिले में 277 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। ये स्कूल प्रतिवर्ष एक जुलाई से खुलते हैं लेकिन राज्य सरकार ने इस बार भी बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने व नामांकन बढ़ाने के लिए 19 जुलाई से स्कूल खोलने के आदेश जारी कर दिए थे। इसके तहत प्रतिदिन स्कूल निर्धारित समय पर खुल तो जाते हैं लेकिन पढ़ाई करने छात्र-छात्राएं काफी कम आते हैं। ज्यादातर स्कूलों में थोड़ा बहुत अध्ययन कराने के बाद बच्चों को जल्दी घर भेज दिया जाता है। शुक्रवार से तीन दिवसीय वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा है। 
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ऐसे में जिन स्कूलों को सेंटर घोषित किया है। शहरी क्षेत्र के उन स्कूलों में गुरुवार दोपहर 12 बजे एक भी बच्चा नहीं था। स्कूल स्टाफ परीक्षा की तैयारी में जुटा था। उधर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन स्कूलों को परीक्षा केन्द्र घोषित किया गया है। उक्त स्कूलों के छात्र-छात्राओं का अवकाश रहेगा। बाकी स्कूलों में नियमानुसार पढ़ाई होगी। 
निरीक्षण से हुआ खुलासा 

जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक पांचूराम सैनी ने बुधवार को आठ स्कूलों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान सात स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या काफी कम थी। डीईओ ने मौके पर ही शिक्षकों को विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए पाबंद किया। 
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केस-1 : राजकीय माध्यमिक स्कूल छजावा का निरीक्षण किया। इसमें नामांकन वर्तमान में 150 है। मौके पर 21 विद्यार्थी मिले। 

केस-2 : डीईओ ने अटरू ब्लॉक के उच्च माध्यमिक विद्यालय बरला का निरीक्षण किया। यहां पर बच्चों का नामांकन करीब 300 है लेकिन मौके पर मात्र 20 बच्चे मिले। 
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केस-3 : उच्च माध्यमिक विद्यालय बरारा का निरीक्षण किया। यहां पर 32 बच्चे मिले, जबकि नामांकन 100 का है। इसी तरह से उच्च माध्यमिक विद्यालय पटना के निरीक्षण में मौके पर 24 बच्चे उपस्थित मिले। 
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