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जिले की बेटियों को मिलेगा संंबल , चार विभाग संयुक्त रूप से करेंगे प्रयास

locationबारांPublished: Jun 14, 2018 05:07:12 pm

बारां. अब बारां जिले की बेटियों को भी सुरक्षा, शिक्षा व स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष संबल मिलेगा।

जिले की बेटियों को मिलेगा संंबल , चार विभाग संयुक्त रूप से करेंगे प्रयास

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बारां. अब बारां जिले की बेटियों को भी सुरक्षा, शिक्षा व स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष संबल मिलेगा।
केन्द्र सरकार की ओर से योजना के तृतीय चरण में प्रदेश के कुछ अन्य जिलों के साथ बारां जिले में भी बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ कार्यक्रम शुरू कर दिया है। यह कार्यक्रम जिले में बालिकाओं के लिंगानुपात को बढ़ावा देने तथा बालिका शिक्षा के उत्थान को लेकर शुरू किया गया है।
इसके तहत 11 व 12 जून को दिल्ली में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें जिले के अधिकारियों ने भाग भी लिया।
इस तरह होगा काम
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए चार प्रमुख विभाग महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, मानव संसाधन व शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। इसके लिए इन विभागों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ को सुदृढ़ कर संस्थागत प्रसव में वृद्वि की जाएगी एवं जन्म के पंजीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भधारण के रजिस्ट्रीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। मानव संसाधन के तहत शिक्षा का अधिकार व आरटीई का सख्ती से क्रियान्वयन कराया जाएगा। टॉयलेट निर्माण समेत बालिकाओं के लिए अनुकूल मानकों को लागू किया जाएगा।
& योजना के तीसरे चरण में बारांंं जिले में यह योजना लागू की गई है। इसके तहत 11-12 जून को दिल्ली में कार्यशाला हुई है। योजना के तहत कन्या भ्रूण हत्या में कमी, शिक्षा व बालिका सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा। सभी चारों विभाग समन्वय बना योजना को गति देंगे।
हरिशंकर नुवाद, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग
जिले में वर्ष 2010-11 के दौरान जहां एक हजार बालकों पर मात्र 905 बालिकाएं ही जन्म ले रही थी। हालांकि अब वर्ष 2017 में एक हजार बालकों पर बालिका जन्म की संख्या बढ़कर 944 तक पहुंच गई है। लेकिन इसके बावजूद स्थिति कमजोर है। जिले में वर्ष 2017 में 16 हजार 568 बच्चे जन्म हुए। इनमें से 8 हजार 47 बालिकाएं है। इसी तरह बालिक शिक्षा को लेकर भी स्थिति में गुणात्ममक सुधार लाने की आवश्यकता है।
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