scriptमशीनों के लिए नया साल फरिश्ता बनकर आया,एक साल से गत्ते के कार्टून में पड़ी हैं लाखों की डायलिसिस मशीनें | New year for machines came to be angel | Patrika News

मशीनों के लिए नया साल फरिश्ता बनकर आया,एक साल से गत्ते के कार्टून में पड़ी हैं लाखों की डायलिसिस मशीनें

locationबारांPublished: Jan 01, 2018 03:10:11 pm

डायलिसिस मशीनों को करीब एक वर्ष का समय बीत गया है। मशीनें उपलब्ध होने के बाद से गत्ते के कार्टून में पैक होकर स्टोर में पड़ी हुई है,

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बारां. जिला चिकित्सालय में मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा के लिए उपलब्ध कराई गई डायलिसिस मशीनों को करीब एक वर्ष का समय बीत गया है। मशीनें उपलब्ध होने के बाद से गत्ते के कार्टून में पैक होकर स्टोर में पड़ी हुई है, लेकिन सरकारी व्यवस्था का आलम यह है कि एक वर्ष तक तो उसकी सुध ही नहीं ली गई। अब एक दिन पहले 30 दिसम्बर को सम्बंधित संस्था के प्रतिनिधि ने यहां जिला चिकित्सालय पहुंचकर पीएमओ से एमओयू साइन की अंतिम प्रक्रिया पूरी की है। अभी भी सम्बंधित संस्था को आगामी 60 दिनों में संचालन शुरू करने का समय दिया गया है। इससे जिले के लोगों को करीब दो माह का इंतजार और करने की संभावना है।
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यूं होती चली गई देरी
चिकित्सा सूत्रों का कहना है कि सरकार ने राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पाेरेशन लिमिटेड की ओर से वर्ष 2016 में ही करीब 9 लाख 80 हजार लागत की दो हिमोडायलिसिस मशीन जिला चिकित्सालय को उपलब्ध करा दी थी। इसके साथ ही पीपीपी मोड पर मशीनों के संचालन को लेकर टैंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, लेकिन सक्षम संस्थाओं की ओर से विशेष रूचि नहीं दिखाई गई तो टैंडर को अंतिम रूप नहीं दिया गया। इससे देरी होती चली गई। अब कोलकाता की एक संस्था का टैंडर स्वीकृत कर उसेे 120 के लिए संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सहजता से होगा उपचार
डायलिसिस की सुविधा शुरू होने से जिला चिकित्सालय में किडनी (गुर्दे) से सम्बंधित बीमारियों का सहजता से इलाज किया जा सकेगा। चिकित्सकों का कहना है कि शरीर में खून की कमी होने, सांस भरने, उल्टी व उचकारे का मन होने आदि लक्षण दिखाई देने पर गुर्दे सम्बंधी बीमारी का संदेह रहता है। ब्लड यूरिया व क्रिटिनिन बढऩे पर डायलिसिस की आवश्यकता आ जाती है।
pmo said -डायलिसिस मशीन तो काफी पहले मिल गई थी, लेकिन उच्च स्तर पर टैंडर फाइनल होने में देरी हुई तो एमओयू की अंतिम प्रक्रिया भी 30 दिसम्बर को यहां पूरी की गई है। अब आगामी 60 दिनों में संचालन नहीं करने पर सम्बंधीत संस्था पर जुर्माना लगाने का प्रवधान किया गया है।
डॉ. संपतराज नागर, पीएमओ, जिला चिकित्सालय

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