scriptना किसी की आवाजाही है, और ना कोई छलांग लगाने की तैयारी | No one's movement, nor any preparation for any jump | Patrika News

ना किसी की आवाजाही है, और ना कोई छलांग लगाने की तैयारी

locationबारांPublished: Apr 05, 2018 04:13:53 pm

बारां. जिले में खेलों के विकास के तहत लाखों की लागत से तैयार किया गया तरणताल पानी के बिना खुद का अस्तित्व खोता जा रहा है।

ना किसी की आवाजाही है, और ना कोई छलांग लगाने की तैयारी

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बारां. जिले में खेलों के विकास के तहत लाखों की लागत से तैयार किया गया तरणताल पानी के बिना खुद का अस्तित्व खोता जा रहा है। तरणताल के लिए पानी नहीं मिल रहा है तो संचालन भी ठप पड़ा है। हालांकि सरकार की ओर से शहर के लोगों व तैराकी खेल को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य को लेकर इसका निर्माण करा दिया। अब भू-जल स्तर गहरा गया तो पानी का बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है। इससे जिले के लोग तरणताल होने के बावजूद सुविधा से वंचित हो रहे हैं। जिला मुख्यालय पर वर्ष 2014 में तरणताल बनकर तैयार हो गया था, लेकिन ढाई माह को छोड़कर पिछले करीब तीन वर्षो से बंद पड़ा हुआ है। इससे पहले भी करीब वर्ष तक अब भले ही पानी का पर्याप्त बंदोबस्त नहीं है, लेकिन विभागीय स्तर पर इसके संचालन के लिए ऑनलाइन टैंडर कर दिए गए हैं।
बिछने लगी धूल की परत
वर्तमान में तरणताल की स्थिति खराब हो रही है। अब तो उसमें झाड़-झंखाड़ उगने लगे हैं। जहां फिल्टर किया हुआ साफ पानी भरा रहना चाहिए है, वहां धूल-मिट्टी की परते जम रही है। तैराकी के शौकिनों की चहल-पहल थमी हुई है। ना किसी की आवाजाही है, और ना कोई छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है। इसी तरह परिसर में उद्यान विकसित करने की योजना थी, लेकिन उसके लिए भी पानी का बंदोबस्त नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि पानी की समस्या दूर होगी तो साफ-सफाई व रखरखाव व्यवस्था में भी सुधार होगा।
& पूर्व में तरणताल के लिए नलकूप खुदवाया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद उसका पानी नीचे चला गया। अब उसी नलकूप को करीब दो-ढाई सौ फीट और गहरा कराया जाएगा। वैसे संचालन के लिए राज्य क्रीड़ा परिषद स्तर से आगामी तीन वर्षो के लिए टैंडर कर दिया गया है।
विशाल सिंह, जिला खेल अधिकारी
राज्य क्रीड़ा परिषद की ओर से वर्ष 2008-09 में जिला मुख्यालय पर तरणताल बनाने की स्वीकृति दी गई थी। बजट व अन्य स्वीकृति के बाद वर्ष 2010-11 में इसका निर्माण शुरू किया गया तथा मई 2014 में निर्माण कार्य पूरा हुआ। उसके करीब एक वर्ष बाद वर्ष 2015 के जून-जुलाई व अगस्त माह के प्रथम पखवाड़े तक (करीब ढाई माह) नो लोस-नो प्राफिट में इसका संचालन किया गया। अगस्त 2015 के द्वितीय पखवाड़े से बारिश का दौर शुरू होने के कारण इसका संचालन अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया था। उसके बाद से शहर के लोग तरणताल शुरू होने की बांट जोह रहे हैं।
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