scriptपटरी पार क्षेत्र की आबादी का ख्वाब अभी अधूरा | Not to be cautious in oxygen | Patrika News

पटरी पार क्षेत्र की आबादी का ख्वाब अभी अधूरा

locationबारांPublished: Dec 18, 2018 12:15:56 pm

Submitted by:

Dilip

शहर के पटरी पार क्षेत्र (तेलफैक्ट्री) में महावीर कुंज को ऑक्सीजोन के रूप में विकसित करने का काम करीब तीन दर्जन लोगों के अवैध आशियानों ने अटका दिया। हालांकि तीस बीघा के लम्बे-चौड़े इस भूभाग में वन विभाग ने ११९८ पौधे लगाने के साथ गोलाकार वॉकिंग ट्रेक का निर्माण करा दिया, लेकिन यहां बसे लोगों के खुले में शौच करने से सुबह की सैर को जाने वाले लोग इस ऑक्सीजोन की ओर रूख ही नहीं कर रहे।

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Not to be cautious in oxygen

बारां. शहर के पटरी पार क्षेत्र (तेलफैक्ट्री) में महावीर कुंज को ऑक्सीजोन के रूप में विकसित करने का काम करीब तीन दर्जन लोगों के अवैध आशियानों ने अटका दिया। हालांकि तीस बीघा के लम्बे-चौड़े इस भूभाग में वन विभाग ने ११९८ पौधे लगाने के साथ गोलाकार वॉकिंग ट्रेक का निर्माण करा दिया, लेकिन यहां बसे लोगों के खुले में शौच करने से सुबह की सैर को जाने वाले लोग इस ऑक्सीजोन की ओर रूख ही नहीं कर रहे।
अब इस ऑक्सीजोन की चारदीवारी कराने के लिए मंजूरी भी मिल गई है। यह ऑक्सीजोन पूर्ण रूप से विकसित होने के बाद पटरी पार की तीस हजार से अधिक की आबादी के लिए वरदान साबित होगा। ऑक्सीजोन के लिए चयनित यह जमीन वर्षों से अनुपोगी पड़ी हुई थी। इसके वन विभाग की होने से नगर परिषद इस पर ध्यान भी दे रही थी। यहां पूर्व में कचरा संग्रहण हो रहा था तथा इसे परिषद के कचरा घर के रूप में जाना जाता था।
टापरियां बनी कोढ़ में खाज
शहर के इस ऑक्सीजोन में अब बीचोबीच बसी ३० से ३५ टापरियां कोढ़ में खाज जैसी लगने लगी है। इनमें करीब दो सौ से अधिक लोग निवास करते हैं। ऐसे में सुबह शुद्ध व ताजी हवा के साथ एकान्त व सुकून चाहने वाले लोग चाहकर भी इस जोन की ओर अभी रूख नहीं कर रहे। वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि इन परिवारों को विस्थापित करने की जिम्मेदारी नगर परिषद की है। परिषद ने इस ऑक्सीजोन का काम शुरू कराने से पहले सभी परिवारों को अन्यत्र बसाने का भरोसा दिलाया था। इसको लेकर यह परिवार अपने आशियाने नहीं छोड़ रहे।
लगा दिए पूरे परिसर में पौधे
वन विभाग ने अपनी कार्ययोजना अनुसार यहां सभी ११९८ पौधे लगा दिए है। इनमें नीम, करंज, बड़ व पीपल के पौधे बहुतायात में हैं। इन्हें लगाने का उद्देश्य भी पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की उपलब्धता का ही है। इसमें कच्चा गोलाकार वॉकिंग ट्रेक भी बना दिया गया है। अब इस ऑक्सीजोन का पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए करीब एक किलोमीटर लम्बी चारदीवारी के निर्माण के मंजूरी भी मिल गई है। इसका काम भी जल्द शुरू करा दिया जाएगा।
विभाग की चौकी शुरू
इस ऑक्सीजोन की सारसंभाल के लिए वन विभाग ने कर्मचारी तैनात कर चौकी का निर्माण भी करा दिया है। जो नियमित रूप से पौधों की देखभाल कर रहे हैं। इसके निर्माण पर अब तक करीब ४.६१ लाख रुपए किए जा चुके हैं। अभी नगर परिषद से १ लाख ९ हजार रुपए और मिलने हैं। पांच साल में इस जोन में कुल ११ लाख रुपए व्यय किए जाने हैं।
रंग नहीं ला रहे प्रयास
वर्तमान में इस ऑक्सीजोन में लगाए गए पौधे पानी व देखरेख की अभाव में कुम्हलाने लगे हैं। इससे पौधों की बढ़वार थम गई है। यहां घास भी नहीं उग रही, जिससे पार्क जैसी हरितिमा नजर नहीं आती। यहां बसी झोंपडिय़ों में रहने वाले लोगों की पूरी क्षेत्र में दिनभर बेरोकटोक आवाजाही रहने से वन विभाग के प्रयास रंग नहीं ला रहे।
आक्सीजोन में पौधे लगाने व वॉकिंग ट्रेक का निमार्ण कार्य पूरा कर लिया गया है। अब करीब एक किलोमीटर की लम्बाई की चारदीवारी बनाई जाएगी। इस जोन में रह रहे ३० से ३५ परिवारों को अन्यत्र बसाने का काम नगर परिषद को करना है।
दीपक गुप्ता, सहायक वन संरक्षक
नगर परिषद ऑक्सीजोन में रह रहे परिवारों को अन्यत्र बसाने का काम जल्द ही पूरा कर लेगी। लोगों को इस ऑक्सीजोन का लाभ मिले, इसके लिए सभी सभी उपाय किए जाएंगे।
कमल राठौर, सभापति नगर परिषद
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