
दरअसल 15 करोड़ की बजट घोषणा के बाद भी अधिकारी बाद भी विभाग के अधिकारी अब भी मोटरें बदलने के लिए तैयार नहीं हो रहे।
गणेशगंज लिफ्ट सिंचाई परियोजना की छह मोटरों का मामला
मांगरोल. गणेशगंज लिफ्ट सिंचाई परियोजना के पंप हाउस में मोटरों की क्षमता बढ़ाने पर अब तक रार फंसी है। दरअसल 15 करोड़ की बजट घोषणा के बाद भी अधिकारी बाद भी विभाग के अधिकारी अब भी मोटरें बदलने के लिए तैयार नहीं हो रहे।
यह है मामला
शुरुआती काल में यहां 150 एचपी की छह मोटरें लगाई गई थी। 2017 में पहले अधिकारियों ने इसकी मोटरों की क्षमता कम कर दी और तीन 120. की व तीन 125 एचपी की मोटरें लगा दी गई। बिल 150 एचपी की मोटरों का उठा लिया गया। तब सरकार ने 17 करोड़ रु की राशि मंजूर की थी। अब जब सरकार ने 15 करोड़ मंजूर किए तो अधिकारी 150 एचपी की मोटरें डालने को तैयार नहीं हैं। जब तक 150 एचपी छह मोटरें नहीं डलेंगी, तब तक किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना संभव नहीं होगा।
यह भी हुआ
जब भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर राजेन्द्र पारीक से मिले तो उन्होंने भी 150 एचपी की मोटरें डालने में असहमति जताई। तब भारतीय किसान संघ का प्रतिनिधिमंडल ङ्क्षसचाई मंत्री सुरेश ङ्क्षसह रावत से मिला तो मंत्री ने चीफ इंजीनियर को निर्देश दिए कि 150 एचपी की मोटरें डाली जाएं। लेकिन इन आदेशों का भी असर होते नहीं दिख रहा। अधिकारियों ने तीन मोटरें 150 एचपी की लगाने की डीपीआर भी जारी कर दी है। बाकी तीन को कम क्षमता पर ही रखा जा रहा है। मंत्री के निर्देश पर अधिकारी भारी पड़ते दिखाई दे रहे है।
छह में से तीन मोटरें ही 150 एचपी की डाली जाएंगी। शेष तीन को 120 एचपी की ही रखा जाएगा। उन्हें बदला भी नहीं जाएगा और क्षमता भी नहीं बढ़ाई जाएगी। इसके लिए वित्तीय व प्रशासनिक मंजूरी ले ली है।
महेन्द्र मीणा, अधिशासी अभियंता, गणेशगंज परियोजना
Published on:
11 Oct 2024 05:09 pm
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