जी का जंजाल बनी ऑनलाइन उपस्थिति ,प्रतिबंध के बावजूद करना पड़ रहा मोबाइल का उपयोग
बारां. शिक्षकों की उपस्थिति, आकस्मिक अवकाश, यात्रा व प्रशिक्षण आदि ऑनलाइन दर्ज कराने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा नहीं है, संस्था प्रधानों को ई-मित्र के माध्यम से सूचनाओं का संप्रेषण करना पड़ा रहा हैं। कई स्कूलों में बिजली कनेक्श
teachers online attendence
जी का जंजाल बनी ऑनलाइन उपस्थिति ,प्रतिबंध के बावजूद करना पड़ रहा मोबाइल का उपयोग
बारां. शिक्षकों की उपस्थिति, आकस्मिक अवकाश, यात्रा व प्रशिक्षण आदि ऑनलाइन दर्ज कराने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा नहीं है, संस्था प्रधानों को ई-मित्र के माध्यम से सूचनाओं का संप्रेषण करना पड़ा रहा हैं। कई स्कूलों में बिजली कनेक्शन भी नहीं हैं।
इसके अलावा एक ओर विद्यालय में मोबाइल का उपयोग प्रतिबंधित करने के आदेश जारी होते हैं, दूसरी ओर विद्यालय में संस्था प्रधानों तथा अध्यापकों को मोबाइल का अधिकाधिक उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कई बार शिक्षकों का अधिकांश समय मोबाइल से जूझने में बीत रहा है। इस तरह के विरोधाभासी विभागीय आदेशों के कारण शिक्षकों के समक्ष दुविधा की स्थिति है।
अव्यवहारिक है सरकारी आदेश
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष मौजीराम नागर, जिलामंत्री बृजगोविंद टेलर व प्रवक्ता शंभूदयाल वैष्णव ने कहा की यह व्यवस्था विद्यालय को पारदर्शी तथा चुस्त-दुरुस्त बनाने के स्थान पर नई परेशानी का कारण बन गई है। यह फरमान बिना पूर्व तैयारी के हड़बड़ी में लागू किया गया है। प्रदेश विभाग संगठन मंत्री त्रिलोक शर्मा, जिला संगठन मंत्री गिरिराज नागर, उपाध्यक्ष महावीर मीणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामकिशन नागर व विपिन जैन ने कहा कि दूरदराज के विद्यालयों में ऑनलाइन व्यवस्था अभी सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रही है, शाला दर्पण का पोर्टल सरवर भी ठप रहता है। शिक्षक नेताओं ने आदेश का विरोध करते हुए इसे अव्यवहारिक बताया तथा आदेश को वापस लेने की मांग की हैं।
आपसी टकराव की आशंका
शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि शाला दर्पण के स्टाफ कॉर्नर से शिक्षकों के अवकाश, उपस्थिति, राजकीय यात्राएं, प्रशिक्षण इत्यादि की प्रविष्टि ऑनलाइन ही किए जाने की व्यवस्था करने के आदेश से अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई। विद्यालय स्टाफ कॉर्नर अभी उपयोग करने के लिए पूरी तरह से सक्षम नहीं हुआ हैं। फिर भी अधूरी तैयारियों के साथ ही इस व्यवस्था को लागू करने पर आमादा होना विचित्र है। वहीं, उपस्थिति एवं अवकाश के संबंध में राजस्थान सेवा नियम की पालना नहीं हो पाने की स्थिति में संस्था प्रधानों व अध्यापकों के मध्य टकराव के हालात उत्पन्न होने की भी आशंका है।
& उपस्थिति रजिस्टर तो यथावत रहेगा, ऑनलइान भी करना होगा। संस्था प्रधान के लिए मोबाइल प्रतिबंध नहीं हैं, वह कार्यालय में बैठकर मोबाइल से सभी की ऑनलाइन उपस्थिति आदि भरेगा। शाला दर्पण में मॉड्यूल बना हुआ है, उसमें कई तरह के ऑपशन हैं।
-रामनारायण मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी (मा)