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बस्ती के बीच मुर्दोंं की चीरफाड़, आबादी क्षेत्र में शुरू किया पोस्टमार्टम…

locationबारांPublished: Mar 13, 2018 05:14:24 pm

रां. शहर में इन दिनों कॉलोनी के बीचों बीच में शरीर की चीरफाड़ की जा रही है। यह भी कभी कभार नहीं आए दिन।

बस्ती के बीच मुर्दोंं की चीरफाड़, आबादी क्षेत्र में शुरू किया पोस्टमार्टम...

postmartem

बारां. शहर में इन दिनों कॉलोनी के बीचों बीच में शरीर की चीरफाड़ की जा रही है। यह भी कभी कभार नहीं आए दिन। कॉलोनी में मुर्दो को लाने ले जाने का क्रम चलता रहता है। यह काफी हैरान करने वाली बात है, सामाजिक एवं मानवीय दृिष्ट से आवासीय कॉलोनी में इस तरह की गतिविधियां अव्यवहारिक हैं, लेकिन यहां जिला चिकित्सालय परिसर में चिकित्सक आवासीय कॉलोनी के बीच में तथा कॉलेज रोड कॉलोनी के पीछे पोस्टमार्टम रूम बना दिया गया। अब यहां पोस्टमार्टम करना भी शुरू कर दिया गया है। नवनिर्मित पोस्टमार्टम रूम में सोमवार को ही दो शवों का पोस्टमार्टम किया गया। यहां औसतन प्रतिमाह 15 पोस्टमार्टम होते हैं। इस हिसाब से हर दो दिन में एक शव का पोस्टमार्टम होगा।
शुरू से आपत्ति दरकिनार
जिला चिकित्सालय परिसर में आवासीय कॉलोनी व राजमल शहीद उद्यान के बीच पोस्टमार्टम कक्ष का मामला कई दिनों से चल रहा है। इसके लिए स्थान चयन की बात आई तब भी चिकित्सकों ने आपत्ति व्यक्त की थी, लेकिन निर्माण शुरू हो गया, फिर लोगों ने आवाज उठाई। जिले के किशनगंज-शाहाबाद क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि ने चिकित्सकों की पीड़ा को समझा तथा उच्च स्तरीय अधिकारियों को अवगत कराया , लेकिन सुनवाई नहीं हुई। निर्माण पूरा हो गया तो बिजली पानी कनेक्शन के बहाने पोस्टमार्टम कक्ष का उपयोग शुरू नहीं किया गया।
उस समय तक उम्मीद थी कि उच्च स्तरीय अधिकारी पीड़ा को समझेंगे तथा फैसला बदल जाएगा, लेकिन ऐसा हो ना सका।
&मेरे कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व स्थान चयन हो गया था। अब सरकार की ओर से जहां निर्माण कराया गया है, वहां उसका संचालन शुरू कराना ही था। इस मामले में अब तक किसी की ओर से लिखित शिकायत नहीं दी गई है।
डॉ. संपतराज नागर, पीएमओ
& कॉलोनी कैम्पस में पीएम रूम नहीं होना चाहिए, यह गलत बनाया गया है। इस मामले में पूर्व में भी कॉलोनी के चिकित्सक व कर्मचारियों एवं विधायक ललित ममीणा ने प्रयास किए थे। अब भी उच्च स्तर पर विचार कर इसे बदलना चाहिए।
डॉ. बिहारीलाल मीणा, जिला सचिव, सेवारत चिकित्सक संघ
चिकित्सक आवासीय कॉलोनी में हाल ही में दो दुमंजिला ब्लॉक बनाए गए हैं। फिलहाल इन ब्लॉक में आठ चिकित्सक परिवार समेत निवास कर रहे हैं। वहीं ब्लॉक के पीछे नर्सिंग स्टॉफ एवं जिला चिकित्सालय के अन्य कर्मचारी निवास कर रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सक आवासीय कॉलोनी के पीछे व्यवसायिक प्लाट है तथा करीब 20 फीट दूरी पर कॉलेज रोड रिहायशी कॉलोनी है जो पूर्ण आबादी क्षेत्र है। इससे कॉलोनी के लोगों में भी रोष व्याप्त है। कॉलेज रोड निवासी रूपल सेठी ने बताया कि आबादी क्षेत्र में हर रोज शवों का पोस्टमार्टम व गमगीन माहौल रहना ठीक नहीं है।

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