scriptपैंथर दिलोद हाथी गांव क्षेत्र में ही घूम रहा है | Panther Dilod elephant is roaming in the village area itself | Patrika News

पैंथर दिलोद हाथी गांव क्षेत्र में ही घूम रहा है

locationबारांPublished: Jan 20, 2022 08:31:57 pm

Submitted by:

Ghanshyam

पैंथर अब भी दिलोद क्षेत्र में ही विचरण कर रहा है। गुरुवार शाम को वनकर्मियों को पगमार्क की ट्रेकिंग से उसकी सही दिशा नहीं मिल सकी। ऐसे में शुक्रवार को भी उसकी ट्रेकिंग के लिए पगमार्क खोजकर आगे बढ़ा जाएगा।

पैंथर दिलोद हाथी गांव क्षेत्र में ही घूम रहा है

पैंथर दिलोद हाथी गांव क्षेत्र में ही घूम रहा है

ताजा पगमार्क से हुई पुष्टि, आज भी पगमार्क खोज कर करेंगे ट्रेकिंग

बारां/कवाई. कवाई क्षेत्र के दिलोद हाथी गांव के आसपास घूम रहा वन्य जीव पैंथर ही है, गुरुवार को क्षेत्र में पहुंची वन विभाग की टीम ने उसके भ्रमण क्षेत्र से मिले पगमार्क के आधार पर यह पुष्टि की है। पैंथर अब भी दिलोद क्षेत्र में ही विचरण कर रहा है। गुरुवार शाम को वनकर्मियों को पगमार्क की ट्रेकिंग से उसकी सही दिशा नहीं मिल सकी। ऐसे में शुक्रवार को भी उसकी ट्रेकिंग के लिए पगमार्क खोजकर आगे बढ़ा जाएगा।
वन विभाग अटरू के क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रेमनारायण भारद्वाज ने बताया कि विभागीय टीम ने वायरल वीडियो के आधार पर जगह की पहचान कर तलाश शुरू की। खेतों के रास्ते से तीन अलग-अलग स्थानों पर पैंथर के जैसे पगमार्क मिले। जिन्हें प्लाटर ऑफ पेरिस विधि से उठाया गया है। अब इन्हें उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। विभाग की संयुक्त टीम ने ने दिलोद हाथी एव महाराजपुरा के बीच स्थित माल में पहुंचकर वीडियो का सीन रिक्रिएट कर पैंथर की ट्रैकिंग के प्रयास भी किए, लेकिन आगे की दिशा नहीं मिली।
खेतों में बना हुआ है मूवमेंट
विभाग के उच्चाधिकारियों ने बताया कि जिन खेतों में पैंथर के पगमार्क मिले हैं, उस क्षेत्र में लाशी अभियान भी चलाया गया, लेकिन गुरुवार शाम तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले। हालांकि पैंथर का मूवमेंट अब भी एकसे दो किलोमीटर के दायरे में होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उसकी ट्रेकिंग होने पर सही जानकारी मिल सकेगी।
-गुरुवार को पगमार्क के आधार पर क्षेत्र में घूम रहे वन्य जीव होने की पुष्टि हो गई है। पैंथर का मूवमेंट इसी क्षेत्र में होने की संभावना है। शुक्रवार को फिर से तलाशी अभियान को गति देकर उसकी ट्रेकिंग की जाएगी। आवश्यकता होने पर तलाशी अभियान में कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।
दीपक गुप्ता, सहायक वन अधिकारी, बारां

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