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पास नहीं आ रहा हुनर से जीवन में उजास

locationबारांPublished: Jan 23, 2019 01:36:59 pm

Submitted by:

Hansraj

सरकार ने हुनर से जीवन संवारने के लिए छात्र, छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा से तो जोड़ दिया, लेकिन न तो इन्हें पुस्तकें उपलब्ध कराई और न ही इन्हें हुनर सिखाने के लिए शिक्षक

baran

लडक़े तो पढ़ रहे, लड़कियां पिछड़ रहीं

जिले में बेपटरी व्यवसायिक शिक्षा
शैक्षिक सत्र में अब तक नहीं मिली छात्र, छात्राओं को पुस्तकें
मानदेय पर पदस्थ प्रशिक्षक अब छोडऩे लगे हैं स्कूल
बारां. सरकार ने हुनर से जीवन संवारने के लिए छात्र, छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा से तो जोड़ दिया, लेकिन न तो इन्हें पुस्तकें उपलब्ध कराई और न ही इन्हें हुनर सिखाने के लिए शिक्षक, ऐसे में इनका जीवन उजास से दमकने के बजाए अंधकार की गर्त में गोते लगा रहा है। जबकि अब वार्षिक परीक्षा शुरू होने में करीब सवा दो माह का समय शेष है। जिले के 25 स्कूलों मेंं व्यावसायिक शिक्षा संचालित है। इनमें ब्यूटी वेलनेस, हैल्थ केयर, आईटी, गृह सज्जा, इलेक्ट्रोनिक्स व टेक्सटाइल आदि विषयों का संचालन होता है। प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो विषय संचालित हैं। इन विषयों में छात्र, छात्राओं को पारंगत के लिए दो प्रशिक्षकों की संविदा के आधार पर नियुक्ति की हुई है।
इन स्कूलों में पदस्थ 50 प्रशिक्षकों को छह माह से लेकर डेढ़ वर्ष की अवधि का वेतन नहीं मिला है। इनका करीब 27 लाख 41 हजार 238 रुपए का मानदेय नहीं मिला है। ऐसे में प्रशिक्षकों व छात्र-छात्राओं को पढऩे व पढ़ाने में मन नहीं लग रहा। इस बारे में समग्र शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को शिकायत भी की है, लेकिन बात नहीं बन रही।
कई के डेढ़ से दो लाख बकाया
कई प्रशिक्षकों का छह माह तो कइयों का डेढ़ से दो साल का वेतन बकाया चला है। इनमें कई प्रशिक्षक ऐेसे भी हैं, जिनका १.५० लाख से 2. 85 लाख रुपए तक वेतन बकाया चल रहा है। ऐसे में शिक्षकों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है। वेतन नहीं मिलने से राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में कार्यरत एक प्रशिक्षिका ने तो अब पढ़ाना ही छोड़ दिया है। अन्य कई प्रशिक्षक भी प्रशिक्षक परीक्षा से पहले ही घर जाने की तैयारी कर रहे हैं।
प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लगे हैं
व्यवसायिक शिक्षा पर कार्यरत प्रशिक्षकों को प्लेसमेंट एजेंसी के मार्फत लगाया है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर ने अलग-अलग कम्पनियों से अनुबंध कर लिया। इसके बाद उक्त कंपनियों ने प्रशिक्षकों को स्कूलों में लगाया है, लेकिन प्लेसमेंट एजेंसी ने शिक्षकों को भुगतान नहीं कर रही है। विभाग को प्लेसमेंट एजेंसी को नोटिस दिया जाना चाहिए। इसके साथ जमानत राशि जब्त भी करनी चाहिए
कई विषयों की किताबें नहीं
कई स्कूलों में आईटी, गृहसज्जा व इलेक्ट्रोनिक विषय संचालित हैं। उक्त विषयों की कक्षाएं जुलाई से चल रही हैं, लेकिन स्कूलों मेें किताबें अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है, जबकि वार्षिक परीक्षा मार्च में है। ऐसे में छात्र-छात्राओं का अध्ययन नहीं हो पा रहा है।
& प्रशिक्षकों को मानपदेय नहीं मिल रहा है। इस संबंध में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से बात की जाएगी। साथ ही तीनों विषयों की किताबें उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को लिखा जाएगा।
गणपतलाल मीणा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, बारां
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