समस्या जानें बिना दूर प्रतिनियुक्त पर भेजा… दरअसल पूरा मामला किशललाल की छुट्टी से जुड़ा था, मजदूर संघ के राज्य संयोजक दीपक शर्मा के मुताबिक, किशनलाल की पत्नी किसी गंभरी बीमारी से पीड़ित थी, जिसके देखते हुए उन्होंने अपनी पत्नी की देखभाल के लिए छुट्टी के लिए आवेदन किया था। जो कि चित्तौड़गढ़ में रहकर पत्नी की देखरेख करना चाहते थे। जिसके बाद किशनलाल समस्या को बिना देखे विभाग ने उन्हें काफी दूर जगह प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया। हालांकि उन्हें घर के नजदीक रहकर पत्नी की देखभाल करनी थी।
बिना बात सुने अधिकारी ने फोन कर लिया बंद… उसी दौरान बारां के डाक कर्मी किशनलाल की पत्नी की तबीयत और बिगड़ गई और फिर उन्होंने स्थिति को देखते हुए चित्तौड़गढ़ में अपने विभाग के अधीक्षक से फोन पर संपर्क किया। फोन पर अधीक्षक ने कर्मचारी से केवल एक बार बात की और फिर अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। अधीक्षक के इर व्यवहार से दुखी डाक कर्मी अंतिम समय में भी अपनी पत्नी की ठीक तरह से देखभाल नहीं कर सका। और प्रशासन की इस अमानवीय कार्यशैली और व्यवहार के कारण किशनलाल की पत्नी का निधन हो गया। तो वहीं विभाग द्वारा उनके साथ किए गए गलत व्यवहार ने ना केवल उन्हें झकझोर कर रख दिया, बल्कि उनका परिवार भी इस कारण गहरे सदमे में है।
डाक कर्मचारी संगठनों ने सौंपा ज्ञापन… तो वहीं इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरे प्रदेश के डाक कर्मचारियों में इसे लेकर काफी रोष दिखा। जिसके बाद घटना के विरोध में प्रदेश के डाक कर्मचारी संगठनों ने अपने-अपने मंडल के ऑफिस में चीफ पोस्ट मास्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा। और फिर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।