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बच्चों को गिरवी रखने का मामला, न्यायालय ने लिया पत्रिका की खबर पर प्रसंज्ञान

locationबारांPublished: Jul 02, 2019 12:45:33 am

Submitted by:

abdul bari

( rajasthan patrika News impact ) इस बारे में राजस्थान पत्रिका ने सोमवार को पृथम पृष्ठ पर विशेष खबर प्रकाशित की थी। सोमवार को यह मामला पत्रिका में उजागर होने के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया।

rajasthan patrika News impact

बच्चों को गिरवी रखने का मामला, न्यायालय ने लिया पत्रिका की खबर पर प्रसंज्ञान

बारां.
जिले में आदिवासी समाज में मजदूरी के नाम पर 30-40 हजार रुपए में बच्चों को भेड़ व ऊंट चराने के लिए गिरवी रखने के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बारां ने प्रसंज्ञान लेकर बारां जिला प्रशासन को कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में राजस्थान पत्रिका ने सोमवार को पृथम पृष्ठ पर विशेष खबर प्रकाशित की थी। सोमवार को यह मामला पत्रिका में उजागर ( rajasthan Patrika News Impact ) होने के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश शिव कुमार ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला कलक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अतिरिक्त जिला कलेक्टर शाहबाद, बीडीओ शाहबाद व चेयरमैन बाल कल्याण समिति बारां को पत्र प्रेषित कर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध विधि अनुसार कार्यवाही के आदेश देकर उसकी एक प्रतिलिपि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित करने को कहा है। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बाल तस्करी इकाई को दिशा निर्देश एवं आदेश जारी किए। तालुका विधिक सेवा समिति शाहबाद के अध्यक्ष एवं एसीजेएम वीरेन्द्र सिंह महलावत ने उपखण्ड अधिकारी को लिखित में बच्चों की तलाश कर उनके समक्ष पेश किए जाने के आदेश जारी किए तथा बाल तस्करी इकाई को दोषी लोगों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
चाइल्ड हेल्प लाइन को भी दिए निर्देश
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बारां द्वारा बाल कल्याण समिति बारां को भी इस संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए आदेशित किया गया है। तथ्यात्मक रिपोर्ट एवं बच्चों की मदद के लिए चाइल्ड हेल्प लाइन कोटा को भी निर्देशित किया गया है। गौरतलब है कि बच्चों को गिरवी रखने के राजस्थान पत्रिका में ‘यहां अपना पेट पालने के लिए बच्चों को रख देते हैं गिरवी’ समाचार ( patrika News impact ) को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बारां ने गंभीरता से लिया है।
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