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कसौटी पर खरा उतरने को तैयार बारां

locationबारांPublished: Jan 20, 2018 01:14:23 pm

पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को रैकिंग में 355 वां स्थान मिला था, लेकिन इस बार नगर परिषद की ओर से रैंकिंग सुधारने को लेकर पूरा जोर लगाया जा रहा है

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Ready to test the test

बारां. पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को रैकिंग में 355 वां स्थान मिला था, लेकिन इस बार नगर परिषद की ओर से रैंकिंग सुधारने को लेकर पूरा जोर लगाया जा रहा है। इस बीच स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर केन्द्र सरकार की ओर से नियुक्त एजेंसी के सदस्य बारां भी पहुंच गए हैं। नगर परिषद क्षेत्र के ४५ वार्डों से रोजाना 30 टन से अधिक कचरा प्रतिदिन इकट्ठा होता है। कचरे को नियाणा स्थित डम्पिंग यार्ड में डाला जाता है लेकिन उक्त कचरे को कम्पोस्ट खाद बनने का प्लांट अभी तक शुरू नहीं हुआ है। यह पता स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केन्द्र सरकार की नियुक्त कार्यकारी एजेंसी कार्वी डेटा मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड दिल्ली के सदस्य को सौंपे दस्तावेज के आधार पर हुआ है। टीम के सीनियर असेसर शैलेन्द्र राजावत शुक्रवार सुबह नगर परिषद कार्यालय पहुंचे। यहां वे नगर परिषद के सभापति कमल राठौर, आयुक्त जनक सिंह सहित नगर परिषद के अन्य अधिकारियों से मिले। राजावत ने बताया कि सर्वेक्षण 24 बिन्दुओं के आधार होगा। उक्त बिन्दुओं के आधार पर दस्तावेज इकट्ठे किए गए हैं। अब उन दस्तावेजों को दिल्ली भेजा जाएगा।
फिर लोगों से करेंगे बातचीत
सोमवार को टीम के अन्य सदस्य आएंगे। यहां वे शहर की सफाई व्यवस्था देखेंगे। वे लोगों से बातचीत भी करेंगे कि शहर में सफाई व्यवस्था के प्रबंध से संतुष्ट हैं या नहीं है। बेहतर सफाई व्यवस्था बनने के लिए क्या इंतजाम करने चाहिए। इन्हीं बिन्दुओं के आधार रिपोर्ट को दिल्ली भेजा जाएगा, जहां से देशभर में नगर परिषद बारां को रैंकिंग दी जाएगी।
सर्वे रिपोर्ट में आई यह स्थिति
टीम को सौंपे दस्तावेजों में बताया गया कि नगर परिषद क्षेत्र में 45 वार्ड हैं। 132 कचरा प्वाइंट बने हुए हैं। उक्त वार्डों व कचरा प्वाइंटों से कचरा उठाने के लिए 225 सफाई कर्मचारी लगा रखे हैं। सभी जगहों से प्रतिदिन 30 टन कचरा इकट्ठा होता है, जिसे नियाणा डम्पिंग यार्ड में भेजा जाता है। इसमें 15 टन गीला कचरा व बाकी सूखा कचरा इकट़्ठा होता है। 25 वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। जीपीएस से वाहनों पर प्रतिदिन नजर रखी जाती है। सफाई कर्मचारियो की हाजिरी बायोमेट्रिक मशीन से लगती है। रिपोर्ट के आधार 45 वार्डों को ओडीएफ करना था। इसमें से 29 वार्ड ही ओडीएफ हो पाए हैं। 45 सार्वजनिक शौचालय बनाए हैं। इसके अलावा 25 व्यावसायिक इलाकों से कचरा इकट्ठा किया जाता है। एईएन सौरभ गुप्ता ने बताया कि 1400 अंक दस्तावेजीकरण, 1200 अंक शहर निरीक्षण व 1400 अंक लोगों की राय के निर्धारित हैं। बिन्दुओं के आधार पर टीम निरीक्षण करेगी। बाद में अंक निर्धारित करेगी।
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