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डेंगू स्क्रब टायफस ने लगाई सेन्चुरी ,एहतियात नहीं बरतने से हावी हो रही बीमारी

डेंगू स्क्रब टायफस ने लगाई सेन्चुरी ,एहतियात नहीं बरतने से हावी हो रही बीमारीबारां. शहर समेत जिले में अब शीत लहर शुरू होनेे से सर्दी परवान पर आ रही है, लेकिन कई लोग इसकी परवाह नहीं कर सेहत से खिलवाड़ कर रहे है। इससे लोग खांसी, जुकाम, बुखार व निमोनिया आदि की चपेट में आ रहे हैं। वहीं प्रचार-प्रसार के बावजूद जागरूकता की कमी से स्क्रब टायफस व जानलेवा डेंगू बुखार पीछा नहीं छोड़ रहा

बारांDec 09, 2019 / 03:47 pm

Shivbhan Sharan Singh

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डेंगू स्क्रब टायफस ने लगाई सेन्चुरी ,एहतियात नहीं बरतने से हावी हो रही बीमारी
बारां. शहर समेत जिले में अब शीत लहर शुरू होनेे से सर्दी परवान पर आ रही है, लेकिन कई लोग इसकी परवाह नहीं कर सेहत से खिलवाड़ कर रहे है। इससे लोग खांसी, जुकाम, बुखार व निमोनिया आदि की चपेट में आ रहे हैं। वहीं प्रचार-प्रसार के बावजूद जागरूकता की कमी से स्क्रब टायफस व जानलेवा डेंगू बुखार पीछा नहीं छोड़ रहा है। अभी भी औसतन हर रोज डेंगू के रोगी सामने आ रहे हैं। हाल ही में 7 दिसम्बर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भी जिले में डेंगू के दस नए रोगी मिले है। बीते करीब 21 दिनों में डेंगू के 40 नए रोगी मिले हैं। इससे दिसम्बर के पहले सप्ताह तक जिले में डेंगू रोगियों की संख्या बढ़कर 131 तक पहुंच गई है। वहीं, स्क्रब टायफस के चार नए रोगी मिले हैं। स्क्रब टायफस के रोगियों की संख्या भी सौ के नजदीक पहुंच गई है।
पिस्सू के काटने से होता है
चिकित्सा सूत्रों का कहना है कि स्क्रब टायफस संक्रामक बीमारी नहीं है। यह चिगर्स लार्वा (पिस्सू) के काटने से होता है। उपचार से रोगी का पूरी तरह स्वस्थ्य होना मुमकीन है, लेकिन लक्षण के आधार पर चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए। स्क्रब टायफस मरीज को मांस पेशियों में दर्द होता है। त्वचा पर लाल दाने व काटने वाली जगह पर काला धब्बा बनकर गांठ बन जाती है। सर्दी लगकर बुखार, बुखार के साथ पसीना भी आता है। इससे बचाव के लिए पूरे कपड़े पहने, जूते मौजे पहने, घर के आस-पास घास-फूस की सफाई रखें, चूहों से बचाव रखें, पालतू जानवर को स्वस्थ रखें। ऊंची घास वाले जंगल क्षेत्र में जाने से बचना चाहिए।
डेंगू के लक्षण व बचाव के उपाय
रोगी को तेज बुखार आना, सिर में आगे की ओर तेज दर्द होना, बदन तथा जोड़ों में दर्द होना, उल्टी आना, भूख न लगना, चक्कर आना तथा शरीर पर लाल चकते होना आदि डेंगू ,मलेरिया व चिकनगुनिया के लक्षण है। इसकी रोकथाम के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। खिड़कियों एवं दरवाजों पर जाली लगवाए व मच्छर निरोधक उत्पादो का प्रयोग करें। हल्के रंग व पूरी आस्तीन के कपड़े पहने। सप्ताह में कम से कम एक बार कूलर, टंकी, परिण्डें, गमलें, फिज की ट्रे व अन्य कन्टेनर को खाली करे। घरों के आस-पास पानी जमा ना होने दे। पानी से भरे गडढों में मिटटी भर दे। सप्ताह में एक बार जला हुआ ऑयल या केरोसीन डाल दें।
& जिले में अब स्थिति सामान्य होती जा रही है। सर्दी को लेकर एहतियात बरतने की जरूरत है। डेंगू व स्क्रब टायफस के एक-दो रोगी मिल रहे हैं। उपचार के बाद स्वस्थ्य भी हो रहे है।
राजेन्द्र कुमार मीणा, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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