दूसरे शहरों में रहे थे डेंगू व स्वाइन फ्लू के रोगी, जिले में फ्लू की दस्तक, चिकित्सा विभाग सक्रिय, डेंगू के दो व स्वाइन फ्लू का एक रोगी चिन्हित
डेंगू के दो रोगी , इससे पहले चार रोगी चिन्हित हुए थे। इस वर्ष अब तक डेंगू के आधा दर्जन रोगी चिन्हित हो गए है

बारां. मौसम बार-बार करवट बदल रहा है, इससे बीमारियों का असर बढ़ रहा है। चिकित्सालयों में मरीजों की भीड़ बढऩे लगी है। जिले में शनिवार को समाप्त हुए फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में डेंगू के दो रोगी ओर चिन्हित हुए है। इससे पहले चार रोगी चिन्हित हुए थे। इस वर्ष अब तक डेंगू के आधा दर्जन रोगी चिन्हित हो गए है। मलेरिया के छह व स्वाइन फ्लू का एक ही रोगी चिन्हित हुआ है, लेकिन सतर्कता बरतने की जरूरत है। खास बात यह है कि जो लोग डेंगू व स्वाइन फ्लू की चपेट में आए हैं, वो कुछ दिनों तक दूसरे शहरों में रहे थे।
रहना होगा सजग
डेंगू से बचाव के लिए घरों व आसपास पानी भरा हुआ नहीं रखे। सप्ताह में एक दिन सूखा दिवस मनाते हुए सप्ताह में एक दिन छतों पर रखी टंकियों समेत भरा हुआ पानी खाले करें। टंकियों का ढकान रखे। मलेरिया के मच्छरों से बचाव के लिए शरीर ढककर रखे। बच्चों को भी पूरी आस्तीन की शर्ट, टी-शर्ट आदि कपड़े पहनाएं। स्वाइनफ्लू को लेकर भीड़भाड़ वाले स्थान पर एहतियात बरते। सर्दी, जुकाम, बुखार होने व सांस लेने में तकलीफ होने पर चिकित्सक की सलाह लें। इधर, शहर में कई इलाकों में सफाई व्यवस्था लचर होने से गंदगी की भरमार हो रही है।
बीमारियों को लेकर तो सभी उम्र के लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है, लेकिन बुजुर्ग, गर्भवती व बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष ध्यान देना होगा। यहां हाल ही में चिन्हित डेंगू के रोगियों में दो बुजुर्ग भी है। इनमें करीब 90 वर्षीय बालदड़ा निवासी एक महिला है। वह कुछ दिनों से कोटा रहती है, कोटा में ही इलाज के दौरान हुई जांच में उसे डेंगू पाया गया। इसी तरह निकटवर्ती बैंगनी गांव निवासी करीब 92 वर्षीय बुजुर्ग को भी डेंगू ने चपेट में लिया है। इसके अलावा जिले के एक थैलेसीमिया पीडि़त को भी कोटा में इलाज के दौरान डेंगू होने की पुष्टि हुई। चिकित्सा सूत्रों का कहना है कि थैलेसीमिया पीडि़त करीब सात दिनों तक इलाज के लिए दिल्ली में रहा था। संभवतया वहां से संक्रमण हुआ है।
&जिले में डेंगू, मलेरिया व स्वाइनफ्लू की शुरुआत है। विभागीय स्तर पर तो बीमारियों की रोकथाम को लेकर प्रचार-प्रसार, नि:शुल्क उपचार व रोगी के घर के आसपास एंटीलार्वा गतिविधियां की जा रही है, लेकिन लोगों को खुद भी जागरूक रहना होगा।
डॉ. राजेन्द्र मीणा, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य)
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