बारां. इन दिनों यूं तो सूरज आग उगल रहा है, गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है, स्वाइनफ्लू समेत अन्य बीमारियां धड़कन बढ़ा रही
बारां. इन दिनों यूं तो सूरज आग उगल रहा है, गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है, लेकिन इस मौसम में भी स्वाइनफ्लू समेत अन्य बीमारियां धड़कन बढ़ा रही है। इससे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे है। चिन्ता इसी बात की है कि आमतौर पर सर्दी के दिनों और ठंडे वातावरण में सक्रिय रहने वाला स्वाइनफ्लू का वायरस भीषण गर्मी में कैसे तेवर दिखा रहा है। हाल ही में जिले के तीन जनों की स्वाइनफ्लू से मौत हो गई। जनवरी से 24 मई तक आधा दर्जन लोगों को स्वाइनफ्लू का वायरस निगल गया है। वहीं अन्य बीमारियां बढऩे से जिला चिकित्सालय के आउटडोर व इनडोर में भीड़ लग रही है।
बारां शहर से हुई शुरूआत
जिले में स्वाइनफ्लू ने सबसे पहले बारां शहर में ही दस्तक दी थी। गत 18 फरवरी को यहां के मांगरोल दरवाजा राज का कुआं क्षेत्र निवासी करीब दो वर्षीय बच्चे को
कोटा जेके लोन चिकित्सालय में जांच के बाद स्वाइनफ्लू पॉजीटिव पाया गया था। वह उपचार से स्वस्थ भी हो गया।
उसके बाद मूल रूप से अन्ता निवासी तथा बापचा में कार्यरत उमेश की दो मार्च को
जयपुर में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी। जबकि उसे 24 फरवरी को कोटा में जांच के बाद स्वाइनफ्लू पॉजीटिव पाया गया था।
& -स्वाइनफ्लू से जिले में इस वर्ष अब तक छह जनों की मृत्यु हुई है। विभागीय स्तर पर तो प्रचार-प्रसार समेत बीमारियों से बचाव की जानकारी दी जा रही है, लेकिन लोगों को भी स्वयं जागरूक रहना होगा।
राजेन्द्र मीणा, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य)
&बेड पर परिजन भी लेट जाते है, दो मरीज भर्ती वाली बात नहीं है, बेड नहीं रहते तो गैलरी में भी भर्ती करने पड़ते है। अभी करीब साढ़े 12 सौ का आउटडोर है। बुखार खांसी जुकाम के सामान्य मरीज ही आ रहे है।
डॉ. एसके मालव, पीएमओ, जिला चिकित्सालय
चिकित्सकों का कहना है कि बुखार, खांसी, छींक व नाक से पानी बहना, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बदन दर्द, निम्न रक्तचाप, बलगम के साथ खून व नाखूनों का नीलापन आदि लक्षण पाए जाने पर स्वाइनफ्लू हो सकता है। 65 वर्ष से अधिक उम्र, गर्भवती, 5 वर्ष से छोटे बच्चे, शुगर, अस्थमा पीडि़त को साधारण जुखाम होने पर भी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।