आदिवासियों का पीछा नहीं छोड़ रहा अंधेरा
आजादी के सात दशक बाद भी आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले वाले सहरिया जनजाति के बाशिंदों को रात में उजियारा भी नहीं मिल रहा, पंखे व कूलर की शीतल बयार तो दूर की कौड़ी है।

बारां. आजादी के सात दशक बाद भी आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले वाले सहरिया जनजाति के बाशिंदों को रात में उजियारा भी नहीं मिल रहा, पंखे व कूलर की शीतल बयार तो दूर की कौड़ी है। रात के घटाटोप अंधेरे को चीर निकली वाली सुबह में ही सहरिया बाहुल्य कई गांवों में सूरज की लौ ही रोशनी लाती है। सरकारी सजगता का आलम यह है कि इसी सहरिया जाति के लोगों के उत्थान के लिए पहले करोड़ो का खर्च सोलर लाइटें लगाई, कुछ बरसों बाद सहरिया बस्तियों (सहराणों) में खम्भे खड़े कर बिजली भी पहुंचा दी, इसमें भी बड़ी राशि खर्च की गई, लेकिन अंधेरे का साम्राज्य छंटा नहीं। अब हाल यह है कि पहले लगाई गई सोलर लाइटें नाकारा हो गई तो बाद में पहुंचाई गई बिजली बिल जमा नहीं होने से विद्युत वितरण निगम ने ट्रांसफार्मर उतार रोक दी। ऐसे में आदिवासी फिर से आदिम युग जैसे हाल में पहुंच गए। सुबह पौ टने के साथ सूरज का उजाला भले ही दिनभर मिले लेकिन सांझ ढलने के बाद उजाले के नाम पर केवल केरोसिन से जलने वाली चिमनियां ही रह गई। अंधेरे में घरों के बाहर खाट या जमीन के बिछौने पर इनकी रात यूं ही कट जाती है। ऐसा एक जगह नहीं नहीं, बल्कि अंचल के सरहद पर बसे समेत कई अन्य सहरिया बहुल गांव व ढाणियों में है।
काम नहीं आई सोलर प्लेटें
बिजली से वंचित ऐसे कुछ गांवों में सरकार की ओर से वर्षों पूर्व कई बाशिंदों को सोलर प्लेटें व बैटरियां दी गई थी। सांधरी सहरिया बस्ती के लोगों ने बताया कि ये प्लेटें, बैटरियां ज्यादा नहीं चली। सांधरी से कुछ दूर पठारी के कल्लू सहरिया के अनुसार पूर्व में 60 घरों में सोलर प्लेटें व बैटरियां दी गई थी, यह सभी बंद हैं। राजस्थान अक्षय ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (आरआरईसी) के अन्तर्गत इस योजना में करीब 1400 परिवारों को लाभांवित करते हुए उनके घरों पर सोलर लाइट सेट लगाए गए थे।
खोल लिए विद्युत ट्रांसफार्मर
करीब 3 वर्ष पूर्व सरकारी योजना के अंतर्गत पठारी साधरी समेत कई गांवों में सहरिया परिवारों को सोलर लाइट की सौगात मिली मिली थी। सनवाड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच राजेंद्र यादव व ग्रामीण उधम सिंह ने बताया कि पूर्व सरकार ने सोलर लाइटें दी थी, इसके एक साल बाद रखरखाव या खराबी के चलते सोलर लाइटें खराब हो गईं। 2 वर्ष पहले सरकार ने गांव तक बिजली पहुंचाई, लेकिन अब विद्युत वितरण निगम ने बिलों की वसूली नहीं हुई तो आपूर्ति रोक दी।
ग्राम पंचायतों का लगा था पैसा
मुंडियर कस्बे समेत शाहबाद उपखंड क्षेत्र की एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में पंचायत ने अपने स्तर पर सोलर लाइटें तो लगवाई, लेकिन उसके बाद पंचायत प्रशासन की देखरेख के अभाव में सोलर लाइटें खराब पड़ी हुई है जिससे आज भी कई सहरिया बस्तियों में अंधेरा पसरा रहता है।
-बर्ष 2010 में सोलर लाइटें लगवाई गई थी, जो कुछ ही दिनों बाद खराब हो गईं थीं। अब इन्हें पुन: दिखावाकर सही करवाने का प्रयास किया जाएगा ताकि पुन: सरिया बस्ती में उजाला हो सके।
महेश शर्मा, ग्राम विकास अधिकारी, सनवाड़ा
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