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बस चले जा रहे हैं मजदूर, सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद केलवाड़ा पहुंचे

नेशनल हाईवे से गुजरने वाले मजदूरों के कदम ठहरने का नाम नहीं ले रहे और वे लगातार पैदल चलते जा रहे हैं। सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद केलवाड़ा पहुंचे लोगों को भोजन, पानी की व्यवस्था सीताबाड़ी सचिव कौशल किशोर राठौर के नेतृत्व में भामाशाहंो द्वारा निरंतर की जा रही है।

बारांMar 30, 2020 / 07:27 pm

Mahesh

बस चले जा रहे हैं मजदूर, सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद केलवाड़ा पहुंचे

अपनों की चिंता को लेकर लौटने रहे मजदूर
हरनावदाशाहजी. पेट भरने व परिवार पालने के लिए दूसरे राज्यों तक मजदूरी करने पहुंचे लोगों के वापस लौटने का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। संक्रमण के भय से ये मजदूर भले ही खुद की सुरक्षा को लेकर डरे हुए है या नहीं, लेकिन पीछे छोड़कर गए बच्चों की चिंता ने ही उन्हें वापस लौटने को मजबूर किया है। सुबह अस्पताल में जयपुर क्षेत्र से लौटे बंजारा जाति के मजदूरों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही मजदूरी की तलाश में बच्चों को घरों पर छोड़कर गए थे, कोरोना के डर ने उन्हें वापस लौटने को मजबूर कर दिया। बीमारी की गंभीरता की सुनकर बच्चों को संभालने की चिंता में वापस लौटना पड़ा। परिजनों की चिंता के कारण जोखिम उठाना पड़ा। सोमवार तक क्षेत्र में बाहर से आने वालों का आंकड़ा तीन सौ से भी पार हो चुका है।
बस चले जा रहे हैं मजदूर
केलवाड़ा. नेशनल हाईवे से गुजरने वाले मजदूरों के कदम ठहरने का नाम नहीं ले रहे और वे लगातार पैदल चलते जा रहे हैं। सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद केलवाड़ा पहुंचे लोगों को भोजन, पानी की व्यवस्था सीताबाड़ी सचिव कौशल किशोर राठौर के नेतृत्व में भामाशाहंो द्वारा निरंतर की जा रही है। शनिवार को जहां 3000 पैकेट भोजन वितरण किए वहीं रविवार को भी वितरण कार्य जारी रहा। 24 घण्टे लोग हाईवे से पैदल गुजर रहे है वहीं कुछ लोग ट्रक में खचाखच भरे हुए देखे गए। लोगों में सिर्फ एक ही भय देखा गया जैसे तैसे अपने गांव और परिवार तक पहुंचना है।
हजार से अधिक मजदूर छबड़ा से गुजरे
छबड़ा. महानगरों से पलायन कर अपने गांव की ओर जाने के लिए मजदूर वर्ग का तांता लगा हआ है। सोमवार रात्रि से ही लगभग एक दर्जन से अधिक बसों व ट्रकों में भरकर मजदूर छबड़ा होकर गुजरे, उन्हें मध्य प्रदेश जाने के लिए प्रशासन द्वारा आगे से ही इजाजत देकर बॉर्डर तक पहुंचाया गया। वहीं बाड़मेर से आए ढाई सौ 300 यात्री जिन्हें बस मालिक छबड़ा छोड़ गए। प्रशासन ने दोबारा बस को बुलाकर उन यात्रियों को बॉर्डर तक पहुंचाया। लगातार शाम तक हजारों मजदूरों के छबड़ा से निकलने के दौरान कस्बे के समाजसेवी संगठन एवं नगर पालिका द्वारा उनके भोजन की व्यवस्था की गई। इस दौरान उपखंड अधिकारी दुर्गाशंकर मीणा, डीवाईएसपीओ ओमेंद्र सिंह शेखावत, तहसीलदार दिलीप सिंह प्रजापति, कार्यवाहक थानाधिकारी संपत वैष्णव व्यवस्थाओं में जुटे रहे।
श्रमिक लौट रहे घर
अन्ता. निकटवर्ती ग्राम अलीपुरा निवासी कालबेलिया परिवार के लगभग डेढ़ दर्जन महिला पुरूष सोमवार को पोखरण से वापस लौट आए। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसपी गर्ग के अनुसार चिकित्सा टीम भेेजकर इन सहित बाड़मेर से ग्रामीण क्षेत्रों में जा रहे श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच कराई गई है। हाइवे से गुजरते कई श्रमिकों को भी अधिकारियों ने जिले की सीमा पर रोककर इनके भोजन तथा ठहरने की व्यवस्था की।
अभी भी आ रहे हैं लोग
मांगरोल. कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन होने व काम-धंधे बंद हो जाने से अब लोग अपने घरों तक लौट रहे है। अब तक मांगरोल ब्लॉक क्षेत्र में 500 लोग व मांगरोल में सौ लोग आ चुके हैं। इनकी जांच कर इन्हें घरों पर होम क्वारंटीन पर रखा गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डॉ. उमेश विजय ने बताया कि बालूंदा व जारेला में दो जनों की जांच भेजी है। इनमें से एक की जांच नेगेटिव आई है वहीं दूसरी जांच की रिपोर्ट नहीं आई। आपातकालीन परिस्थितियों में आइसोलेशन वार्ड के लिए सीसवाली व मांगरोल के छात्रावासों को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है।
मजदूरों के आने का क्रम देर रात तक जारी
छीपाबड़ौद. कस्बों और ग्रामीण इलाकों में रविवार देर रात तक मजदूरों के आने का क्रम जारी रहा। हालांकि प्रशासन ने जयपुर और कोटा जाने के लिए बसों की व्यवस्था की हुई है, फिर भी कई लोग पैदल यात्रा को मजबूर हैं। प्रशासन इन मजदूरों को रोककर उनके खाने की व्यवस्था कर रहा है। छीपाबड़ौद क्षेत्र से मध्यप्रदेश के राजगढ़ खिलचीपुर, जीरापुर और झालावाड़ जिले के अकलेरा और मनोहर थाना तहसील के लोग क्षेत्र में मजदूरी कर यहां से लौट रहे हैं।
होम आइसोलेशन में रखा
खण्डेला. किशनगंज ब्लॉक के कालीमाटी गांव में बाहर गए लोगों का अब आने का सिलसिला जारी है। ऐसे में चिकित्सा विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। रविवार देर शाम काली माटी गांव में दो दंपती सहित आठ लोग जयपुर और चौमू से यहां पहुंचे तो सोमवार सुबह चिकित्सा कर्मियों ने उनके घर पहुंच कर उन्हें घर पर ही रहने को पाबन्द किया। गांव के लोग भी संक्रमण को लेकर पूरी तरह से जागरूक है और बाहर से आने वाले लोगों की सूचना चिकित्सा विभाग को दे रहे है।

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