उजड़ गए आशियानें, अधिकारियों ने देखे हालात
बारांPublished: Sep 09, 2018 05:26:09 pm
अन्ता. कस्बेे सहित आसपास के गांवों में लगातर १२ घंटे तक हुई बरसात ने जन जीवन अस्त व्यस्त करने सहित नदी नालों में उफान ला दिया।
अन्ता. कस्बेे सहित आसपास के गांवों में लगातर १२ घंटे तक हुई बरसात ने जन जीवन अस्त व्यस्त करने सहित नदी नालों में उफान ला दिया। इस मौसम में पहली बार यहां १५० मिमी बारिश दर्ज की गई है। ऐसे में कस्बेे की कच्ची बस्ती के निवासियों ने प्रात: उठते ही स्वयं को पानी से घिरा पाया। नीलकंठ कालोनी, क्वासपुरा, गुलाबबाड़ी, नयापुरा, भाया की बाड़ी आदि जगह कई घरों में पानी भर गया। वहीं बरडिय़ा में मुकट मेघवाल, जगदीश मेघवाल सहित अन्य कच्चे मकान ढ़ह गए। यहां से निकलती खाड़ी की स्टेशन मार्ग, शिवाजी चौक एवं बमोरी पुलिया पर पानी आ गया। ऐसे में बमोरी पुलिया से कोटा बारां की और जाने वाला यातायात रोकना पड़ा। वहीं नागदा एवं अन्य गावों की और जाने वाले कई रास्ते भी अवरूद्ध हुए। नुकसान का प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने जायजा लिया।
गावों में भी हालात बिगड़े
अन्ता के समीप हापाहेड़ी गांव में दुर्गाशंकर बैरवा का मकान ढह गया। जिसमें दबने से कुछ मवेशियों को चोटें आई। वहीं ग्राम टारड़ा में स्थित तीन तालाबों पर चादर चलने से ग्रामीण भयभीत रहे। पचेल कला, गोविन्दपुरा, बरखेड़ा एवं आसपास के अन्य गांवों में भी खेत लबालब हो गए।
सारथल. क्षेत्र में लगातार तीन दिन से बरसात का दौर जारी रहने नदी, नाले उफान पर हैं तो खरीफ की उड़द समेत अन्य फसलों के गलने के आसार बन गए हैं। कई कच्चे मकान ढह गए तो पक्के मकानों की छतों से पानी टपक रहा है। सरकारी भवनों में भी दो से तीन फीट पानी होने से स्कूलो में बच्चो की द्दुटटी करनी पड़ी। मध्यप्रदेश से पानी की जोरदार आवक होने से बारां-अकलेरा नेशनल हाई-वे पर कालाडोल गांव के पास परवन नदी की पुलिया पर शनिवार को चार फीट की चादर चल रही है। यहां वाहनों की आवाजाही बंद है। क्षेत्र के कुंड़ी गांव स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल का भवन बरसात से क्षतिग्रस्त हो गया। शिक्षक देशराज मीणा ने बताया कि शुकवार रात के स्मय तेज बारिश से अचानक स्कूल का भवन गिर गया। ग्राम पंचापत द्वारा 1985 में स्कूल भवन का निर्माण कराया गया था। स्कूल मे दो अध्यापक कार्यरत है कुल 13 बच्चों का स्कूल में नामांकन है।
पानी में खुली आंख
कस्बाथाना. कस्बे में करीब दस घण्टे तक हुई मूसलाधार बरसात से लोग सहम उठे। शनिवार सुबह लोगों की नीद खुली तो चारों ओर पानी से घिरा पाया। रातभर हुई बरसात से पलको नदी उफान पर रही। नदी किनारे निचली बस्ती के करीब दो दर्जन घरों में पानी घुस गया। हाईवे पर पलको नदी पर बने करीब दस फीट ऊंचे पुल से पानी बह निकला। खेत तालाब बन गए। फसले चौपट हो गई। लोगों के पत्थरों के परकोटे भी धराशायी हो गए। मझौला सड़क जगह-जगह से बह गई। कस्बे के जाटव बस्ती में बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया। सरकारी बाग में खड़े इमली के पेड़ गिर गए। क्षेत्र के कई मार्ग अवरुद्ध हो गए। बिजली के खम्भे व लाइन टूटने से रात से ही कस्बे की बिजली आपूर्ति ठप हो गई।