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तीन दिन से बारां शहर प्यासा .अधिकारियों की लापरवाही से बने हालात पेयजल के बंदोबस्त के लिए भटक रहे लोग

locationबारांPublished: Jul 25, 2018 03:54:39 pm

‘www.patrika.com/rajasthan-news‘

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बारां. जलदाय विभाग के अधिकारियों के उदासीन पूर्ण रवैये का खामियाजा शहर के लोगों पर भारी पड़ रहा है। शहर के बीते तीन दिनों से एक मिनट के लिए भी जलापूर्ति नहीं हुई। इससे लोगों में खासा आक्रोश गहराने लगा है। लोगों को इधर-उधर से पानी का बंदोबस्त करना पड़ रहा है, लेकिन विभाग का सजगता का आलम यह है कि तीन दिनों में भी लाइन को दुरुस्त करने के पर्याप्त साधन संसाधन तक नहीं जुटा पाया। शहर की आधी से अधिक आबदी पानी खरीद प्यास बुझा रही है। जलदाय विभाग के विश्वस्त सूत्रों ने बुधवार को चौथे दिन भी जलापूर्ति होने को लेकर संशय जताया है।
विभाग भी खरीद रहा पानी
विभागीय सूत्रों का कहना है कि लापरवाही व उदासीनता का आलम यह है कि खुद के संसाधन तो पानी में बहाकर खराब कर दिए गए। अब टैंकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की गरज से अटरू रोड स्थित मुख्य पम्प हाउस के सीडब्ल्यूआर को पानी खरीदकर भरा जा रहा है। इसके लिए ठेकेदार फर्म को सीडब्ल्यूआर में टैंकर से पानी डालने का आदेश दिया गया है।
इसके बाद सोमवार सुबह से मंगलवार शाम तक करीब 50 टैंकर पानी डाला गया। इसके अलावा पम्पहाउस के दो नलकूपों से भी सीडब्ल्यूआर में पानी भरा जा रहा है, लेकिन इससे तो शहर की एक टंकी को ही भरा जा सकता है। बुधवार सुबह एक टंंकी से जलापूर्ति की जाएगी।
दस टैंकर आपूर्ति
विभाग की ओर से सिविल लाइन, गोपाल कॉलोनी व शाहाबाद रोड बंक क्षेत्र में करीब दस टैंकर पानी की आपूर्ति की गई। जबकि शिवाजी नगर, सब्जीमंडी, प्रताप चौक, राजपूरा वार्ड, मठकोठा, अस्पताल रोड, ओढपुरा आदि शेष शहर में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं।
& कालामौखा पर पानी का बहाव कम होगा तभी काम शुरू हो सकेगा। रात में पानी उतरता है तथा बारिश नहीं होती है तो रात में भी काम करने की तैयारी है। मांग के मुताबिक कुछ इलाकों में टैंकर भेजे गए हैं। सीडब्ल्यूआर में भी टैंकरों से पानी भरा जा रहा है।
हजारीलाल, एक्सईएन, जलदाय विभाग, बारां
कालामौखा नाले में बही मुख्य पाइप लाइन को जोडऩे के लिए एक बार फिर कोटा से पोकलेन मशीन मंगवाई गई है। पोकलेन मंगलवार शाम को मौके पर पहुंच गई, लेकिन टूटी लाइन पर करीब साढ़े तीन फीट पानी का बहाव होने तथा फिसलन भरा कच्चा रास्ता होने के कारण ऑपरेटर पोकलेन मशीन को नाले तक ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। इससे पहले जून माह के अंतिम सप्ताह में हीकड़दह का पानी रीत गया था तो वहां कॉफरडेम हटाने व चैनल गहरा कराने के लिए कोटा से पोकलेन मंगवाई गई थी।

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