उम्मीद की प्यास टूटने लगी एमपी में बारिश हुई तो ही मिलेगा बारां को पानी
बारांPublished: Jul 09, 2018 06:23:53 pm
कॉलोनी के लोग बर्तन लेकर विवेकानन्द पार्क पहुंचे तथा वहां से पानी का बंदोबस्त किया।
मिट्टी बहकर चैनल को कर रही अवरूद्ध
बारां. जिले के अंतिम छोर से सटे मध्यप्रदेश क्षेत्र में बारिश होगी तो ही बारां शहर के लोगों की प्यास बुझेगी। सच्चाई यही है। लम्बे अरसे से मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इस जिला मुख्यालय के लोगों को मध्यप्रदेश की नदियों से बहकर यहां पार्वती नदी में पहुंचने वाले पानी से ही पेयजल उपलब्ध होता रहा है। लेकिन शासन प्रशासन एवं जलदाय विभाग की ओर से दह के अलावा शहर के लोगों को अन्य स्रोत्र से पानी उपलब्ध कराने के लिए अब तक किसी ठोस योजना अमल में नहीं लाई गई। इससे अब मध्यप्रदेश में मानसून की देरी हुई तो यहां भारी पेयजल संकट आ गया। पिछले 15 दिनों से एकांतरे जलापूर्ति से लोगों को जूझना पड़ रहा है। परेशान लोग व्यवस्था को कोस रहे हैं।
मजरावता का नहीं हो रहा उपयोग
जलदाय विभाग की ओर से पूर्व में शहर की आबादी विस्तार को देखते हुए हीकड़दह के अलावा मजरावतादह से भी फिल्टर कर पानी लाने की योजना चालू की थी। इसके लिए मजरावतादह पर इंटेकवेल का निर्माण कराया गया था तथा बारां तक पाइप लाइन बिछाकर जलापूर्ति शुरू की गई थी, लेकिन यह योजना भी अधिक दिनों तक साथ नहीं दे सकी तथा मजरावता दह पर बनाया गया इंटेकवेल धराशाही हो गया।
इसके बाद से उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब बरसों बाद अमृत योजना के तहत वहां नया इंटेकवेल बनाने की प्रक्रिया शुरू की है।
आने दो चुनाव
यहां कोटा रोड क्षेत्र में रविवार दोपहर जलापूर्ति हुई तो कुछ देर बाद ही गांधी कॉलोनी के नल जवाब दे गए। बाद में कॉलोनी के लोग बर्तन लेकर विवेकानन्द पार्क पहुंचे तथा वहां से पानी का बंदोबस्त किया। इस दौरान महिला सीमा बैरवा व रामकृष्ण का कहना था कि घरों में कुछ देर दो दिन में एक बार पानी आ रहा है तो दूर चलकर पार्क से पानी ले जाना पड़ रहा है। बहुत परेशानी है, अब चुनाव आने दो, चुनाव के समय तो बहुत सारे वायदे करते हैं। इसके समीप ही एक गली में पानी भर रही ग्रिड बस्ती की महिलाओं ने रोष जाया। शहर में कई जगह लोग भारी परेशानी झेल रहे हैं।
& वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पुराने चार नलकूप चालू कराने के अलावा चार ओर नए लगाने के प्रस्ताव भेजे हुए हंै। इन्हें स्वीकृत कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा टैंकर भी बढ़ाए जाएंगे, लेकिन शहर के लोगों को बिना पानी के नहीं रहने दिया जाएगा।
हजारीलाल, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग, बारां