सरकारी अनदेखी की खबर—-जब खा पीकर पेट में चली जाएगी मिलावट, फिर आएगी जांच रिपोर्ट
सरकारी अनदेखी की खबर—-जब खा पीकर पेट में चली जाएगी मिलावट, फिर आएगी जांच रिपोर्ट बारां. त्योहारी सीजन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए अभियान तो शुरू किया, लेकिन अभियान के दौरान लिए जाने वाले सेम्पलों की तत्काल जांच के बंदोबस्त नहीं किए गए। सेम्पल की जांच संभाग स्तर पर प्रयोगशला में होगी। वहां से रिपोर्ट मिलने में करीब एक माह तक का समय लगेगा। फिर रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी, ऐसे में अभियान का न तो व्यापारियों में भय है और न ही इससे लोगों की स
सरकारी अनदेखी की खबर—-जब खा पीकर पेट में चली जाएगी मिलावट, फिर आएगी जांच रिपोर्ट बारां. त्योहारी सीजन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए अभियान तो शुरू किया, लेकिन अभियान के दौरान लिए जाने वाले सेम्पलों की तत्काल जांच के बंदोबस्त नहीं किए गए। सेम्पल की जांच संभाग स्तर पर प्रयोगशला में होगी। वहां से रिपोर्ट मिलने में करीब एक माह तक का समय लगेगा। फिर रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी, ऐसे में अभियान का न तो व्यापारियों में भय है और न ही इससे लोगों की सेहत से खिलवाड़ रोकने की मंशा पूरी होती नजर आ रही। ऐसे में लोगों की सेहत बिगाडऩे वाले व्यापारी गुणवत्ताहीन, अवमानक खाद्य पदार्थों की बिक्री से परहेज नहीं कर रहे। जब तक जांच रिपोर्ट मिलेगी, हजारों लोग मिलावटी मिठाई (खाद्य पदार्थों) को चटकारे लेकर गले में उतार चुके होंगे।
25 फीसदी मिलावट
सूत्रों का कहना है कि बारां जिले में पूर्व में की गई कार्रवाई के आंकड़ों को खंगाला जाए तो यहां विभिन्न खाद्य पदार्थों में से 25 प्रतिशत मामलों में मिलावट पाई जाती है। इसमें खास तौर पर दूध पावडर, दूध, दही, मावा व बेसन में मिलावट मिली है। यहां बेसन में सूजी मिलाई जा रही है। खाद्य तेल मिस ब्रांड पाए जा रहे हैं। किसी पर ग्रीन लेबल नहीं लगा हुआ है, किसी में वेपर किसी ओर का लगा हुआ है। दूध से फेट निकालकर बेचा जा रहा है।
लिए 14 सेम्पल
त्योहार के अवसर पर मिठाई समेत खाद्य पदार्थो की खूब बिक्री होती है। घर-घर में दूध, दही, मावा, बेसन व तेल, घी से खाद्य पदार्थ बनाए जाते हंै। इस मौके पर गुणवत्ताहीन सामग्री के उपयोग से बड़ी संख्या में लोगों की सेहत बिगडऩे की संभावना रहती है। इसी के तहत एहतियात के तौर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 3 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इस दौरान आए दिन सेम्पल लिए जा रहे हैं। सेम्पलों को प्रयोगशाला भी भेजा जा रहा है। अभियान के तहत अब तक करीब 14 सेम्पल लिए गए हंै।
जिम्मेदार हाथ, ना संसाधन
विभाग की ओर से अभियान तो शुरू किया, लेकिन छापामार प्रभावी कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों कर्मचारी नहीं बढ़ाए गए। दो में से एक मात्र खाद्य सुरक्षा अधिकारी की जिले में तैनातगी की हुई, इनके अलावा एक ऑपरेटर व एक चतुर्थश्रेणी कर्मचारी भी है, लेकिन वह सेम्पल लेने, सामग्री को मौके पर नष्ट कराने आदि कार्रवाई के लिए सक्षम नहीं है। संभाग के चारों जिलों कोटा, बंूदी व बारां, झालावाड़ में लिए जाने वाले खाद्य पदार्थों के सेम्पल ं की जांच के लिए एक मात्र खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्रयोगशलाला है। चल प्रयोगशाला बंद होने के बाद से यही हाल है।
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