फसल तैयार
… इस समय मटर, लहसुन, प्याज, गाजर, मूली, बैंगन, बरसीम भी कई किसानों ने रवि की फसल के रूप में बोया है। जो अभी उग कर तैयार हो गई हैं। क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से सर्दी का प्रकोप तेज हो गया है। इसके चलते अब फसलों में नई रौनक दिखने लगी है। बीते दिनों पहले आए मौसम में बदलाव के चलते सरसों की फसल के फूल में कुछ मात्रा में नुकसान भी हुआ था। लेकिन अब मौसम पूरी तरह साफ हो गया है और सुबह शाम कड़ाके के सर्दी शुरू हो गई है। इसके कारण यह गेहूं की फसल में सबसे अधिक लाभकारी साबित हो रहा है। किसानों के अनुसार अभी देखा जाए तो रबी की फसलों से लोगों को अच्छी उपज मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले मॉनसून में हुई घनघोर बारिश से किसानों को और उनकी खेती को खासा नुकसान हुआ था। इस बार किसानों को आस है कि यदि मौसम और किस्मत ने साथ दिया तो खेतों में अच्छी उपज होगी। हालांकि अब किसानों के सामने यूनिया और डीएपी की किल्लत की समस्या आन खड़ी हुई है। बारां जिला राजस्थान में सर्वाधिक खेती के लिए जाना जाता है। जिले में हर सीजन में तकरीबन सभी तरह की फसलें की जाती हैं।
… इस समय मटर, लहसुन, प्याज, गाजर, मूली, बैंगन, बरसीम भी कई किसानों ने रवि की फसल के रूप में बोया है। जो अभी उग कर तैयार हो गई हैं। क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से सर्दी का प्रकोप तेज हो गया है। इसके चलते अब फसलों में नई रौनक दिखने लगी है। बीते दिनों पहले आए मौसम में बदलाव के चलते सरसों की फसल के फूल में कुछ मात्रा में नुकसान भी हुआ था। लेकिन अब मौसम पूरी तरह साफ हो गया है और सुबह शाम कड़ाके के सर्दी शुरू हो गई है। इसके कारण यह गेहूं की फसल में सबसे अधिक लाभकारी साबित हो रहा है। किसानों के अनुसार अभी देखा जाए तो रबी की फसलों से लोगों को अच्छी उपज मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले मॉनसून में हुई घनघोर बारिश से किसानों को और उनकी खेती को खासा नुकसान हुआ था। इस बार किसानों को आस है कि यदि मौसम और किस्मत ने साथ दिया तो खेतों में अच्छी उपज होगी। हालांकि अब किसानों के सामने यूनिया और डीएपी की किल्लत की समस्या आन खड़ी हुई है। बारां जिला राजस्थान में सर्वाधिक खेती के लिए जाना जाता है। जिले में हर सीजन में तकरीबन सभी तरह की फसलें की जाती हैं।