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सर्दी का सितम, कोरोना का डर, रोडवेज को आर्थिक चपत

locationबारांPublished: Jan 24, 2022 10:24:18 pm

प्रतिदिन एक लाख की कमाई हो रही प्रभावित, -रोडवेज के बारां डिपो को हो रहा नुकसान…

सर्दी का सितम, कोरोना का डर, रोडवेज को आर्थिक चपत

सर्दी का सितम, कोरोना का डर, रोडवेज को आर्थिक चपत

बारां. आए दिन मौसम खराब रहने से सामान्य जनजीवन तो प्रभावित ही हो रहा है, विभिन्न सरकारी व्यवस्थाएं भी प्रभावित हो रही है। राजस्थान रोडवेज को तो लाखों के राजस्व की चपत लग रही है। वहीं प्रतिदिन मौसम की स्थिति के मुताबिक बसों का संचालन किया जा रहा है। कभी कुछ मार्गो पर बसों के फेरे कम करने पड़ रहे हैं तो कभी खाली आने वाली बसों के समय में बदलाव कर काम चलाया जा रहा है। जिले में यों तो जनवरी के शुरुआत से यात्रीभर में कमी आ रही है, लेकिन पिछले करीब एक पखवाड़े से तो मौसम गड़बड़ाने से रोडवेज बारां डिपो को ही प्रतिदिन एक लाख रुपए के राजस्व की चपत लग रही है।
पाबंदी का भी रहा असर
सूत्रों का कहना है कि जनवरी माह के पहले पखवाड़े में मल मास के चलते यात्रीभार में कमी रही। इस दौरान तो सरकार की ओर से शादी समारोह में 50 लोग ही कर दिए गए थे। इससे कई लोगों ने शादी के कार्यक्रमों में कटौती कर दी। कई रिसोर्ट व हलवाई आदि की बुकिंग निरस्त हो गई। 14 जनवरी के बाद मांगलिक कार्यक्रम शुरू हुए तथा लोगों की कुछ आवाजाही शुरू हुई तो कोरोना का संक्रमण हावी होने लग गया। सरकार की ओर से फिर नई गाइडलाइन जारी की, लेकिन शादी समारोह में सौ लोगों की उपस्थिति ही सुनिश्चित कर दी। वहीं सुबह से दोपहर 11-12 बजे तक कोहरा रहने लग गया तथा शाम को भी शीत लहर का असर रहना लगा तो सवारियों का टोटा होने लग गया।
अब ऐसे भी कर रहे जतन
सूत्रों का कहना है कि जनवरी माह में औसतन 80 से 85 फीसदी तक यात्रीभार मिलता है, लेकिन मौसम खराब होने व संक्रमण के चलते 70 से 75 फीसदी ही यात्रीभार मिल रहा है। लोग सफर तो कर रहे हंै, लेकिन भीड़ वाली बात नहीं है। बारां डिपो की भी यही स्थिति है। यहां से शाम के रवाना होने वाली बसों में तो गिनती मुसाफिर सवार हो रहे हंै। वहीं रात्रि के समय बारां पहुंचने वाली जयपुर आदि लम्बी दूरीकी बसों में भी गिनती के यात्री आ रहे है। अधिकांश बसे खाली आ रही है। कुछ दिनों पहले लगातार 5, 6 डिग्री तापमान बना रहा तो कोटा मार्ग पर बसों के फैरे कम करने पड़ गए थे। वहीं, जयपुर से रात्रि में यहां पहुंचने वाली बसों के जयपुर से रवाना होने का समय जल्दी कर उन्हें दिन में ही चलाना पड़ा था।
-शीतलहर व तापमान में गिरावट के चलते करीब दस फीसदी यात्रीभार में कम मिल रहा है। इससे औसतन प्रतिदिन एक लाख रुपए की आमदनी कम आ रही है। पहले मलमास का असर रहा, फिर कोरोना संक्रमण और उसके बाद मौसम ने राजस्व को प्रभावित किया है।
-सुनिता जैन, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज, बारां आगार

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