यह काम होना है बाकी सूत्रों ने बताया कि भू-तल और छह मंजिला अस्पताल भवन का ढांचा तैयार है। फिलहाल विद्युतिकरण, भवन के बाहरी हिस्से का प्लास्तर, फ्लोङ्क्षरग, रंगाई-पुताई समेत फिनिशिंग के अन्य कार्य किए जा रहे है। इसके बाद हैंड ओवर की प्रक्रिया होगी। अस्पताल भवन को संभालने से पूर्व कॉलेज के अधिकारी निरीक्षण कर कमियों को चिन्हित करेंगे। चिन्हित कमियों के दुरूस्तीकरण और सुधार होने के बाद भवन संभालेंगे। इसके बाद चिकित्सा इकाई स्थापित करने, चिकित्सक कक्ष, नर्सिंग स्टेशन के लिए फर्नीचर और विभिन्न वार्डो में बेड लगाने का कार्य होगा। इस प्रक्रिया में महीनों लगने की संभावना है।
ऐसे हुई 9 माह की देरी सूत्रों का कहना है कि जिला अस्पताल परिसर में शहीद राजमल मीणा उद्यान के समीप चिकित्सक आवासीय कॉलोनी बनी हुई थी। कुछ दुमंजिला नए ब्लॉक बने हुए थे तथा कुछ पुराने क्वार्टर बने हुए थे। इन ब्लॉक व क्वार्टर्स को धराशाही करने और जमीन समतल करने में कई दिन लग गए। कुछ पुराने पेड़ भी लगे हुए थे। पेड़ों को हटाने के लिए अनुमति मिलने में भी समय लगा। इसके अलावा बीच में बजट का मुद्दा भी हावी रहा। विद्युत कनेक्शन व लाइनों को हटाने, लगाने में भी समय लगा। बारिश के दौरान कार्य धीमा ही रहा। इस तरह विभिन्न कारणों से कार्य प्रभावित रहने के कारण देरी पर देरी होती चली गई। जून 2024 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य धरा रह गया। करीब पांच माह की तो देरी हो गई। अभी चार माह का समय और लगने की उम्मीद जताई जा रही है। अब मार्च 2025 तक कार्य पूर्ण कर भवन संभलाने का लक्ष्य लेकर काम किया जा रहा है।
करीब 52 लाख की लागत से भू-तल समेत 7 मंजिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन का कार्य किया जा रहा है। भवन का ढ़ाचा तो तैयार हो गया है। फिनिशिंग का काम चल रहा है। विभिन्न कारणों से देरी हुई है, लेकिन अब मार्च 2025 तक कार्य पूर्ण कर भवन हैंड ओवर करने की तैयारी है।
ओम गुर्जर, सहायक अभियंता, आरएसआरडीसी