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संडे को लॉक रहे लोग, दिखा जनअनुसाशन

locationबारांPublished: Jan 16, 2022 07:25:09 pm

Submitted by:

mukesh gour

परिवार के साथ बिताया छुट्टी का दिन, सड़कों पर सन्नाटा, बाजार रहे बंद

संडे को लॉक रहे लोग, दिखा जनअनुसाशन

संडे को लॉक रहे लोग, दिखा जनअनुसाशन

बारां. प्रदेश में फैल रहे कोविड-19 वायरस के संक्रमण पर प्रभावी रोक लगाने के तहत राज्य सरकार की ओर से रविवार को लगाए गए संडे कफ्र्यू का खासा असर रहा। पूर्व घोषित गाइडलाइन की पालना में लोग घरों से बाहर नहीं निकले। वहीं, आवश्यक सेवाओं को छोड़ सभी बाजार, दुकान आदि बंद रहने से शहर में सन्नाटा पसरा रहा। रेल, बस व निजी चारपहिया वाहनों की आवाजाही रही, लेकिन उनमें यात्री कम ही दिखाई दिए। सरकार की ओर से संक्रमण से बचाव को लेकर वीकण्ड कफ्र्यू की व्यवस्था शुरू की, इसकी पालना में सन्नाटा तो पसरा रहा, लेकिन घरों से बाहर निकलने वाले व आवश्यक सेवा के नाम पर दुकानें खोलने वाले लोगों में से अधिकांश को संक्रमण की परवाह नहीं रही। कई लोग बिना मास्क लगाए दुकानदारी करते रहे। बिना मास्क फलों के ठेले पर बतियाते रहे। इस दौरान पुलिस अधिकारी व पुलिस मोबाइल टीम गश्त करती रही। इधर-उधर बेवजह घूमते मिले कुछ लोगों को समझाइश कर रवाना भी किया। मास्क नहीं लगाने वालों के खिलाफ चालान बनाने की कार्रवाई भी की गई।

लोगों ने स्वत: की पालना
कोरोना की तीसरी लहर के दौरान राज्य सरकार की ओर से कुछ दिनों पहले ही प्रदेश में प्रत्येक रविवार को वीकेण्ड को जन अनुशासन कफ्र्यू लगाने के आदेश जारी किए गए थे। आदेशों के बाद 16 जनवरी को पहले रविवार पर वीकेण्ड कफ्र्यू का जोरदार असर दिखाई दिया। लोग घरों पर मौजूद रहे। आवश्यक कार्यो से ही कुछेक लोग घरों से बाहर निकले। लोगों ने संक्रमण की स्थिति देखते हुए गाइडलाइन की पालना में स्वस्फुर्त सब कुछ बंद रखा। इससे पुलिस को दुकानें बंद कराने को लेकर किसी तरह की सख्ती नहीं बरतनी पड़ी। ऐहतियात के तौर पर पुलिस गश्त जारी रही।

बसों में जारी रहा सफर
इस दौरान यों तो सड़के सूनी पड़ी रही। एकाध लोग रुक-रुककर इधर से उधर पैदल आवाजाही करते नजर आए, लेकिन शहर व जिले से बाहर आने जाने वाले यात्रियों की जरूर आवाजाही रही। शहर के चारमूर्ति चौराहा से सूरजभान पेट्रोल पम्प तक लोक परिवहन व अन्य निजी बसों की आवाजाही रही। यहां से कोटा, छबड़ा, छीपाबड़ौद, शाहाबाद के लिए बसों का संचालन जारी रहा। रोडवेज बसों का संचालन भी जारी रहा। इस दौरान ऑटो भी चले, लेकिन अन्य दिनों की अपेक्षा सवारी कम मिली। इससे ऑटो चालक निराश रहे।

भटकते रहे भोजन के लिए
जन अनुशासन कफ्र्यू के दौरान होटल, रेस्टोरेन्ट व भोजनालय आदि को पूरी तरह बंद रखने के आदेशों के तहत होटलों पर रोजमर्रा भोजन करने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां-वहां मजदूरी करने वाले व विभिन्न कम्पनियों के कार्यालयों में काम करने वाले लोगों को भोजन के लिए मशक्कत करनी पड़ी। ऐसे कुछ लोगों की तो परिचित, रिश्तेदारों व मकान मालिक, किराएदार आदि ने मदद कर भोजन उपलब्ध कराया। कई कामकाजी लोग अकेले ही रहते है तथा एक दिन का बंद होने से दूर-दराज स्थित अपने घर नहीं जा सकते है।

परिवार के साथ बिताया दिन
कफ्र्यू के चलते लोगों ने परिवार के साथ घर पर रहकर ही संडे मनाया। घर के बड़े व छोटों ने विभिन्न गेम खेले तो साथ बैठकर टीवी पर कार्यक्रम देखते रहे। बच् चे भी स्कूल बंद होने के चलते पिछले कुछ दिनों से वैसे ही असहज महसूस कर रहे हैं। अब रविवार को बाजार बंद रहने से वे और अधिक असहज रहे।
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