कुपोषण से निपटने के ये उपाय जिले में जिन 88 गांवों में कुपोषण पर जीत प्राप्त कर ली गई है उन गांवों में रहने वाले जिन लोगों के पास राशन कार्ड, नरेगा जॉब कार्ड और शौचालय नही है उन परिवारों को ये सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही जिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर नीली आयरन की गोली नही है उन केंद्रों पर इसकी उपलब्धता कराई जाएगी। इसके साथ ही नीली आयरन की गोली वितरण के लिए हर ब्लाक में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
दिए जाएंगे पालक के बीज जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने दो दिन पहले हुई पोषण समिति की बैठक में कहा था कि एनीमिया की बीमारी से लड़ने के लिए सहजन के पेड़ और पालक भी लगाई जाये। सहजन और पालक को जन आन्दोलन के रुप में आमजन तक पहुॅचाना अति आवश्यक है। कुपोषित परिवारो को कागज के पैकेट में पालक के बीज भी दिये जाये। हर सप्ताह के प्रत्येक बुधवार को पोषण अभियान कार्यक्रम में पालक व सहजन के स्टाल भी लगाये जाएंगे।
सुपोषण स्वास्थ मेले की हुई शुरुआत भारत से 2022 तक कुपोषण को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए ब्लाक स्तर पर प्रत्येक बुधवार को ‘‘सुपोषण स्वास्थ मेला‘‘ का आयोजन किया जा रहा है।मेले में स्वास्थ सेवायें, पोषण सेवा, परापर्श सेवओं के काउन्टर लग रहे हैं। जिसमे बच्चों की जांच, दवा वितरण, वजन, लम्बाई माप, काउन्सलिंग का कार्य किया जाता है।