बढ़ता गया प्रकोप देखता रहा महकमा शुरू में जब बुखार से मौते हुई तो स्वास्थ्य विभाग इसे नकारता रहा। लेकिन अब ये साफ हो गया है कि ये जानलेवा मलेरिया ही है। लखनऊ और दिल्ली से आई टीम ने पिछले छह दिनों में जांच के दौरान 1500 से अधिक केस इस मलेरिया के पकड़े है।स्वास्थ्य विभाग ने चंडीगढ़ और तमिलनाडू से जांच किट मंगवाई है। इस किट की मदद से मौके पर ही प्लाजमोडियम फाल्सीपेरम की जांच की जा रही है। जिले में 50 हजार किट आई है जिन्हें विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी गांव में शिविर लगा कर किट की मदद से लोगों की जांच कर रहें है।
प्राइवेट अस्पताल मदद को तैयार जिले में मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए जिलाधिकारी निजी अस्पताल के डॉक्टरों के साथ भी बैठक की जिसमे बताया गया कि जिले में फैले बुखार के कारण जिला मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती करने इन परेशानी हो रही है जिसके बाद निजी अस्पताल बैड देने को राजी हो गए है। जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मिशन हास्पिटल 15, राजश्री मेडिकल कॉलेज ने 50 और रूहेलखण्ड मेडिकल कॉलेज ने 50 बैड का जिला अस्पताल को ऑफर दिया है।
महिला अस्पताल में एक और वार्ड खुला मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए जिला महिला अस्पताल में एक नया वार्ड शुरू किया गया है। इस नए वार्ड में 18 बैड लगाए गए है। ये नया वार्ड मलेरिया के मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है।