scriptउत्तरायणी मेले का आगाज, दिखे पहाड़ के रंग | 24th Uttarayanani fair started in Bareilly Club ground | Patrika News

उत्तरायणी मेले का आगाज, दिखे पहाड़ के रंग

locationबरेलीPublished: Jan 13, 2018 01:25:03 pm

उत्तरायणी मेले का आगाज अद्भुत रंगयात्रा से हुआ। रंग यात्रा को बरेली के मेयर उमेश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

Uttarayanani fair
बरेली। शहर की जमीन पर फिर एक बार पहाड़ उतर आया। यहां शुरू हुये उत्तरायणी मेले का आगाज अद्भुत रंगयात्रा से हुआ। रंग यात्रा को बरेली के मेयर उमेश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रंग यात्रा कोतवाली के सामने से शुरू हुई और नॉवेल्टी चौराहा, अयूब खान चौराहा, चौकी चौराहा और सर्किट हाउस होते हुए बरेली क्लब के मैदान पर समाप्त हुई।
दिखी उत्तराखण्ड की झलक

इस रंग यात्रा में उत्तराखण्ड से आये कलाकारों ने लोगों का मन मोह लिया। दुल्हन की तरह सजे बरेली क्लब के मैदानमें पहाड़ की सौगातों के कई स्टाल भी सज गए गए हैं। ऊंची चोटियों के बीच से सांस्कृतिक धरोहरों को लेकर लोग यहां आये हैं। तीन दिन तक पहाड़ की खुशबू से बरेली शहर महकेगा, कलाकारोंने कई मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुन भी पूरे वातावरणमें गूंज रही थी।
मेले के प्रति लोगों में दीवानगी

देवभूमि की संस्कृति को समेटे हुए ये कलाकार लोगों को अपना दीवाना बना रहे हैं। एक बार फिर पूरा शहर पहाड़ के रंग में सराबोर हो गया। उत्तरायणी मेले में बरेली क्लब के मैदान में भारी भीड़ उमड़ी। उत्तराखंड के रहन-सहन, कला-संस्कृति को देखने के लिए मानो पूरा शहर मैदान में आ गया हो।
मेले में इनके स्टाल

उत्तरायणी मेले में उत्तराखण्ड की तमाम वस्तुओं के स्टाल लगाए जा रहे हैं। मेले में बुरांस के फूलों से निर्मित स्क्वेस जैम-जैली, हिमालय की अनेक जड़ी बूटियों, पहाड़ का प्रसिद्ध मडुए का आटा, मडुए की नमकीन, बिस्किट, जैविक चाय, मुनश्यारी का राजमा, पहाड़ी दालें, अल्मोड़ा और चंपावत की बाल मिठाई, कौशानी के गर्म ऊनी कपड़े, भीमताल के भगत जी का अचार, बांस का अचार समेत तमाम वस्तुओं के स्टाल लगाए जाएंगे।
दिखेगी पहाड़ की संस्कृति

मेले में पर्वतीय लोक गीत, सांस्कृतिक कला, लोक साहित्य तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इस बार सुप्रसिद्ध लोक गायिका लता तिवारी, कुसुम नेगी एवं लोक गायकी के प्रसिद्ध गायक गोपाल बाबू गोस्वामी के बेटे अमित गोस्वामी, आनन्द सिंह कोरंगा, गोपाल मठपाल, कौशल पांडे अपनी आवाज का जादू बिखरेंगे।इसके साथ ही सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक टीम भी पहाड़ की संस्कृति से लोगों को रूबरू कराएंगी।जिसमे लोहाघाट की भैरव दत्त राय, हल्द्वानी की प्रह्लाद मेहरा, खटीमा से राजेन्द्र मेहता, नैनीताल से विनोद आर्या, देहरादून से विनीत आर्या, बागेश्वर से मंजू आर्या की टीमें अपना जलवा बिखेरेंगी।
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