जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि भीषण गर्मी व सूखे जैसी स्थिति पैदा होने पर तथा बरसात के समय भारी अतिवृष्टि व बाढ़ जैसी स्थिति बनने की दशा में उनके विभाग द्वारा क्या-क्या कार्रवाई किया जाना उपेक्षित होती है उसका बिन्दुवार, क्षेत्रवार व कार्मिक वार माइक्रो कार्य योजना पांच दिन के अन्दर तैयार कर प्रस्तुत करें।
गर्मी को लेकर ये प्लान बैठक में पहले गर्मी के मौसम के दृष्टिगत चर्चा हुई। जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि पेयजल के सभी स्रोत जैसे पेयजल योजनाएं हैण्डपम्प आदि ठीक-ठाक हालत में रखे जायें। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में कार्रवाई सुनिश्चित हो। गर्मी के मौसम विद्युत की उपयोगिता बढ़ जाती है अतः इसकी आपूर्ति तथा खराब ट्रांसफार्मर को 72 घंटे में बदला जाये। बिजली के फॉल्ट भी तत्परता से सुधारे जाये। गर्मी के मौसम में आगजनी की घटनाओं की सम्भावना रहती है अतः दमकल विभाग 24 घंटे सतर्क रहे। सिंचाई विभाग को निर्देशित किया कि रोस्टर के हिसाब से नहरें चलाये। पशु पक्षी, जानवरों के लिये तालाबों को भरा जाए चिकित्सा विभाग संक्रमण रोगों से बचाव एवं चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करें। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों तक समुचित दवाइओं का स्टॉक रहे। सूखे जैसी स्थिति बनने पर लोगों को रोजगार पशुओं के लिये चारा आवश्यक खाद्यान व्यवस्था आदि के लिये सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रुम स्थापित करने के भी निर्देश दिए।
वर्षा को लेकर भी दिए निर्देश जिलाधिकारी ने कहा कि गर्मी के उपरान्त वर्षा का मौसम आता है उस समय भारी अतिवृष्टि की सम्भावना बनती है तो लगभग उर्पयुक्त विभाग ही इसमें भी कार्य करते हैं इस समय विशेष रुप से नालों की सफाई, ड्रेनों की सफाई, जल निकासी के मार्ग ठीक कराए जाएं ताकि कहीं जल भराव जैसी स्थिति न बने पूर्व वर्षों में हुये कार्यों का आंकलन करते हुये कार्य योजना बना लें। मुख्य उद्देश्य यह है कि सूखा या बाढ़ जैसी स्थिति बनती है तो उससे होने वाले नुकसान का न्यूनीकरण हेतु व्यवस्थायें पूर्व से सुनिश्चित कर ली जायें। इस अवसर पर एडीएम, समस्त एसडीएम एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी गण उपस्थित हुये।