आजम खान ने तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीयत पर सवाल खड़े किए।
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बरेली. काबीना मंत्री आजम खान ने तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी महिलाओं की इतनी फ़िक्र क्यूं है। कभी अपनी महिला से भी इतनी मुहब्बत कर लें। वह थ्री व्हीलर से पूछती फिर रही है घर कहां है।
यूपी विधानसभा के कारण तीन तलाक का मुद्दा
उन्होंने कहा गुजरात में जब दंगा हुआ था तब मुस्लिम महिलाओं के लिए यह दर्द कहां था पीएम का। तलाक के मुद्दे पर आजम ने बड़ी साफगोई से कहा कि तलाक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मसला है और धर्म में किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि उप्र विधान सभा चुनाव के लिए तीन तलाक को मुद्दा बनाया जा रहा है।
आस्था पर टिप्पणी का अधिकार नहीं
गुरुवार शाम बरेली पहुंचे आजम ने कहा कि हिन्दू धर्म में सती प्रथा के उन्मूलन के लिए कानून में बदलाव किया गया था लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं हिन्दू धर्म की आस्था पर कोई टिप्पणी करूं। इसी तरह तलाक का मामला सती प्रथा से कम अहमियत का है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी को पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप का अधिकार दिया जाए।
लिव इन रिलेशनशिप का जमाना
जो एक तलाक में यकीन रखता है वो एक तलाक दे जो दो में या तीन में रखता है वो तीन तलाक दे। जो धर्म में यकीन ही नहीं रखता वो नास्तिक बन के घूमें लेकिन धर्म जबरदस्ती का मामला नहीं हो सकता है। आजम खॉ ने कहा कि तरक्की के दौर में लोग फैमिली सिस्टम में यकीन नहीं कर रहे हैं और अब तो लिव इन रिलेशनशिप का जमाना है।
राम और कृष्ण भी पैगम्बर हो सकते हैं
वहीं आजम खॉ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुददे पर कहा कि हमें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर कोई एतराज नहीं है। इस्लाम में एक लाख बीस हजार पैगम्बर का जिक्र है जिनमें से महज बीस का ही नाम कुरान में शामिल है। इस लिहाज से हो सकता है राम और कृष्ण भी पैगम्बर हों या फिर न हों इसलिए मन्दिर निर्माण पर हमें कोई एतराज नहीं है। लेकिन किसी की यादगार को मिटाकर किसी की यादगार बनाना गलत है।