एप करेगा मदद
रमजान के महीने में मुसलमान इबादत करते हैं और अपने गुनाहों से तौबा करते हैं। इबादत में मदद के लिए रमजान में मोबाइल एप भी लांच हुए हैं जिनको आप स्मार्ट फोन में डाउनलोड कर इबादत को आसान बना सकते हैं। इन एप में नमाज के साथ ही सेहरी इफ्तार के समय की जानकारी मिल सकती है। एप के जरिए कौन सा रोजा कितने बजे खुलेगा (इफ्तार) और कितने बजे रोजा रखना है(सेहरी) इसका विवरण भी आसानी से मिल जाएगा।
रमजान के महीने में मुसलमान इबादत करते हैं और अपने गुनाहों से तौबा करते हैं। इबादत में मदद के लिए रमजान में मोबाइल एप भी लांच हुए हैं जिनको आप स्मार्ट फोन में डाउनलोड कर इबादत को आसान बना सकते हैं। इन एप में नमाज के साथ ही सेहरी इफ्तार के समय की जानकारी मिल सकती है। एप के जरिए कौन सा रोजा कितने बजे खुलेगा (इफ्तार) और कितने बजे रोजा रखना है(सेहरी) इसका विवरण भी आसानी से मिल जाएगा।
नमाज़ ए तरावीह: वक़्त व दिन मुकम्मल
माह ए रमज़ान के रोज़े अल्लाह ने हर मुसलमान मर्द व औरत जो अकिल और बालिग हो फ़र्ज़ किये। इस माह में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज़ नमाज़ ए तरावीह को सुन्नत। इसमें पूरा क़ुरआन हाफिज खड़े होकर सुनाते हैं और नमाज़ी खड़े होकर सुनते हैं। दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि नमाज़ियों की सहूलियत के हिसाब से तरावीह का वक़्त व मुकम्मल कुरआन का दिन मुकर्रर कर दिया गया है। अमूमन शहर की सभी छोटी बड़ी मस्जिदो में रात 9 बजे से 9.15 के बीच तरावीह की नमाज़ शुरू होगी।
माह ए रमज़ान के रोज़े अल्लाह ने हर मुसलमान मर्द व औरत जो अकिल और बालिग हो फ़र्ज़ किये। इस माह में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज़ नमाज़ ए तरावीह को सुन्नत। इसमें पूरा क़ुरआन हाफिज खड़े होकर सुनाते हैं और नमाज़ी खड़े होकर सुनते हैं। दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि नमाज़ियों की सहूलियत के हिसाब से तरावीह का वक़्त व मुकम्मल कुरआन का दिन मुकर्रर कर दिया गया है। अमूमन शहर की सभी छोटी बड़ी मस्जिदो में रात 9 बजे से 9.15 के बीच तरावीह की नमाज़ शुरू होगी।