बरेली। नाथ नगरी का Trivati Nath मन्दिर प्राचीन मन्दिरों में से एक है। प्रेमनगर इलाके में उत्तर कुबेर दिशा में ये भव्य मंदिर स्थित है। यहां दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर होते हैं। इस मन्दिर में वैसे तो हर रोज भक्तों की भीड़ उमड़ती है लेकिन सावन में यहां का नजारा देखने लायक होता है। कांवड़िए भी काफी तादाद में मन्दिर में पहुंच कर जलाभिषेक करते है।
ये है मान्यता
विक्रम संवत 1474 में एक चारवाह त्रिवट वृक्षों की छाया में सो रहा था। उस समय भगवान शिव उसके सपने में आए और बताया कि में यहां विराजमान हूं और खुदाई करने पर दर्शन दूंगा। जब चारवाह नींद से जागा तो उसने भोलेनाथ के आदेश का पालन करते हुए खुदाई की। तभी त्रिवट वृक्ष के नीचे शिवलिंग के दर्शन हुए। उस समय से इस मन्दिर का नाम Trivati Nath पड़ा।
त्रिवटी नाथ मन्दिर परिसर में सत्संग भवन, रामकथा स्थल है। यहां बाबा जानकी दास द्वारा वर्षों तक साधना करने के भी प्रमाण हैं। बाबा की समाधि भी मन्दिर में है। वर्तमान में मन्दिर बड़े ही भव्य स्वरूप में है। मन्दिर में अनेक देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।रामानन्द सम्प्रदाय के बाबा जानकी दास ने यहां राम जानकी और हनुमान जी की प्रतिमाओं को प्रतिस्थापित किया है। मन्दिर में हर साल देश के प्रसिद्ध संतों का प्रवचन भी होता है जिन्हें सुनने के लिए यहां पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।