बरेली

देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध bareilly manjha कारोबार बदहाल

चाइनीज मांझे और बढ़ती महंगाई के कारण bareilly manjha बरेली का मांझा बदहाली की कगार पर पहुंच गया है

बरेलीJul 15, 2019 / 04:30 pm

jitendra verma

देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध bareilly manjha कारोबार बदहाल

बरेली। सुरमे और झुमके के अलावा बरेली को मांझे Bareilly manjha ने भी देश ही नहीं विदेशों में भी पहचान बनाई है। लेकिन अब बरेली का यही मांझा कारोबार बंदी की कगार पर पहुंच गया है। चाइनीज मांझे और बढ़ती महंगाई के कारण बरेली का मांझा बदहाली की कगार पर पहुंच गया है और इस कारोबार से जुड़े तमाम लोगों ने दूसरा कारोबार शुरू कर दिया है और जो लोग अभी भी इस कारोबार से जुड़े हैं वो भी अब इसे छोड़ने का मन बना रहे हैं।
Manjha business is in bad Position” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/15/vlcsnap-2019-07-15-16h13m48s425_4840457-m.png”>बंदी की कगार पर कारोबार

पतंग चाहे किसी भी प्रदेश में उड़े उसको उड़ाने के लिए बरेली के मांझे bareilly manjha का ही प्रयोग होता था। लेकिन धीरे धीरे बरेली के मांझे की चमक फीकी पड़ती गई। शुरूआती दौर में चाइनीज मांझे ने बरेली के मांझे को ऐसा झटका दिया कि बरेली का मांझा कारोबार इस झटके से उबर नहीं सका। सरकार के लाख वायदों के बाद भी मांझे के लिए कोई योजना नहीं तैयार की गई जिसके कारण अब ये कारोबार सिमट कर 10 प्रतिशत पर आ गया है। करीब दो सौ साल पुराना बरेली का माँझा कारोबार अपने वजूद के लिए जद्दोजहद कर रहा है। कभी बदहाली के दिनों में भी यह कारोबार हर महीने करोड़ों का टर्न ओवर देता था। लेकिन अब हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि महीने में एक करोड़ रूपए का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल है।
Bareilly manjha business is in bad Position
मिले खेल का दर्जा

मांझा कारोबारी इनाम अली बताते हैं कि पहले मांझा कारोबार में करीब 10 परिवार जुड़े थे लेकिन अब करीब आठ हजार परिवारों ने इस काम से पल्ला झाड़ लिया है। उनका कहना कि बढ़ती महंगाई और मनोरंजन के अन्य साधन आ जाने के कारण मांझे की बिक्री पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। अगर ऐसा ही माहौल रहा तो उन्हें भी इस काम को बंद करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि पतंगबाजी को खेल का दर्जा दिया जाए जिससे इस कारोबार में एक नई जान आ सके।
चाइनीज मांझे पर रोक बेअसर

शहर में चाइना का मांझा धड़ल्ले से बिकता है। चाइनीज मांझा तमाम लोगों को घायल भी कर चुका है हर बार हादसा होने के बाद प्रशासन सख्ती करता है लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से चाइनीज मांझे की बिक्री शुरू हो जाती है। प्लास्टिक की मज़बूत डोर और कैमिकल से मिश्रण से बना यह मांझा स्थानीय मांझे से आधी कीमत पर मिलता है। साथ ही प्लास्टिक युक्त होने की वजह से पतंग भी नहीं कटती है।
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