बरेली

आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूं, मजदूर हूं और मजबूर भी हूं, मुझे माफ करना…

दिव्यांग बच्चे की खातिर मजदूर ने चुरायी साइकिलमालिक के लिए छोड़ा भावुक पत्रभरतपुर से चलकल बरेली जाना था प्रवासी मजदूर कोदिव्यांग बेटे के साथ इतना लंबा सफर पैदल तय कर पाना था काफी मुश्किल

बरेलीMay 16, 2020 / 03:24 pm

Mahendra Pratap

आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूं, मजदूर हूं और मजबूर भी हूं, मुझे माफ करना…

बरेली. बरेली का रहने वाला मोहम्मद इकबाल भी उन हजारों प्रवासी मजदूरों में से एक है जो लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंस गए। भूख-प्यास, चिलचिलाती धूप और अपनी जान की परवाह किए बगैर वो बस किसी तरह अपने घर पहुंचना चाहता था। राजस्थान के भरतपुर से मोहम्मद इकबाल को 250 किलोमीटर का सफर तय करके बरेली पहुंचना था। लेकिन साथ में उसका दिव्यांग बच्चा था। बच्चे को लेकर इतना लंबा सफर पैदल तय करना उसके लिए काफी मुश्किल था। लिहाजा उसने ग्राम पंचायत रारह में साहब सिंह नामक एक शख्स के घर से उसकी साइकिल चुरा ली। लेकिन उसे अपने इस कृत्य पर शर्मिंदगी भी थी। इसलिए चोरी करने के बाद उसने साइकिल मालिक के नाम एक नोट लिखा और घर में छोड़ गया।
पत्र में लिखा था इकरारनामा:— प्रवासी मजदूर मोहम्मद इकबाल ने साइकिल मालिक साहब सिंह से माफी मांगते हुए एक पत्र लिखा था। पत्र में उसने अपनी मजबूरी को बयां करते हुए लिखा कि ‘आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूं, मजदूर हूं और मजबूर भी हूं..। मेरे पास कोई साधन नहीं है। साथ में एक विकलांग बच्चा है, उसकी खातिर ऐसा करना पड़ रहा है। मुझे बरेली तक जाना है। आपका कसूरवार हूं। हो सके तो मुझे माफ कर देना।
पत्र हो रहा वायरल :- साइकिल मालिक साहब सिंह को ये पत्र बरामदे की सफाई के दौरान मिला। मजदूर मोहम्मद इकबाल बरेली में किस जगह का रहने वाला है, इसकी जानकारी पत्र में नहीं है। लेकिन उसकी मजबूरी और ईमान की दास्तां को जाहिर करता पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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