बरेली

विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद ताजा हुई मुकुल एनकाउंटर की याद

30 जून 2007 को आईपीएस जे रविंद्र गौड़ की टीम ने फतेहगंज पश्चिमी इलाके में एनकाउंटर बता कर एमआर मुकुल गुप्ता को मार गिराया था।

बरेलीSep 30, 2018 / 10:53 am

suchita mishra

विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद ताजा हुई मुकुल एनकाउंटर की याद

बरेली। लखनऊ में एप्पल कम्पनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के बाद बरेली में 11 साल पहले हुए मुकुल गुप्ता के फर्जी एनकाउंटर की याद ताजा कर दी है। 30 जून 2007 को आईपीएस जे रविंद्र गौड़ की टीम ने फतेहगंज पश्चिमी इलाके में एनकाउंटर बता कर एमआर मुकुल गुप्ता को मार गिराया था। इस एनकाउंटर की सीबीआई जांच चल रही है। जिसमे आईपीएस रविंद्र गौड़ समेत 11 पुलिसकर्मी शामिल है।
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पीछा कर मार दी थी गोली

बदायूं का रहने वाला मुकुल गुप्ता बरेली में एमआर था। मुकुल का 30 जून 2007 को फतेहगंज पश्चिमी रेलवे क्रासिंग के पास दिन दहाड़े एनकाउंटर कर दिया गया था। उस समय आईपीएस जे रविंद्र गौड़ बरेली में ट्रेनी आईपीएस थे और उनकी टीम ने इस एनकाउंटर को अंजाम दिया था। पुलिस ने बताया था कि ये लोग बैंक लूटने जा रहे थे। इस घटना में एक अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार दिखाया था। आईपीएस जे रविंद्र गौड़ इन दिनों मुरादाबाद में एसएसपी है। इस एनकाउंटर को अंजाम देने वाले तत्कालीन गनर गौरीशंकर, चालक रविप्रकाश शुक्ला, तत्कालीन एसओ सीबीगंज विकास सक्सेना, दिनेश सिंह, एसआई मूला सिंह ,देवेंद्र कुमार शर्मा, आरके गुप्ता, सिपाही वीरेंद्र शर्मा, अनिल कुमार और कालीचरण नामजद आरोपी है।
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चल रही है सीबीआई जांच

एनकाउंटर के बाद मुकुल गुप्ता के पिता विजेंद्र गुप्ता ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताते हुए लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी और अब मामले की सीबीआई जांच चल रही है। इस मामले में मुकुल गुप्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली थी और हाईकोर्ट के आदेश के बाद फतेहगंज पश्चिमी थाने में आईपीएस समेत सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए पुलिस ने मुकदमे में एफआर लगा दी थी और सीबीसीआईडी ने भी केस बंद कर दिया। जिसके बाद मुकुल के पिता एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंचे और हाईकोर्ट से 26 फरवरी 2010 को सीबीआई जांच के आदेश हुए।
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मरते दम तक लड़ी लड़ाई
मुकुल गुप्ता के पिता ने मरते दम तक दोषी पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी। तमाम धमकियों और परेशानियों के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी उनकी कोशिश के कारण ही आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मी सीबीआई जांच के शिकंजे में है। 9 अप्रेल 2015 को लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले मुकुल गुप्ता के पिता विजेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी शन्नो गुप्ता की उनके घर में ही हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस की जांच प्रचलित है।
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