मौलाना ने आगे कहा कि अब इस मुद्दे को यही छोड़ कर आगे बढ़ने की बात करना चाहिए। इस मामले को लेकर दोबारा देश का महोल खराब न हो, अब इस विवाद का दरवाजा हमेशा के लिए बन्द हो जाना चाहिए, इस मुद्दे कि वजह से देश के मुसलमानों ने जान व माल का बहुत ज्यादा नुकसान उठाया है। अब मुसलमान नही चाहता है कि इस मुद्दे कि वजह से उसकी नयी नस्ल को मुश्किलों और मुसीबतों का सामना करना पड़े। मुसलमानों ने सबर व तहामुल्ल के साथ फैसले को स्वीकार किया है। क्योंकि मुसलमान नही चाहता कि देश एक बार फिर नफरत की भेंट चढ़ जाये।
मौलाना ने कहा कि आम मुसलमान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बहकावे में आने वाला नहीं है। बाबरी मस्जिद के असल पक्षकार इकबाल अंसारी ने स्पष्ट कर दिया है कि हम रिव्यू पीटिशन नहीं दाखिल करेंगे और पाचं एकड़ की जमीन पर मस्जिद बनायेंगे, ये सही फैसला है। हम इसका समर्थन करते हैं।