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राजधानी से लेकर गरीब रथ तक, जाने इंडियन रेलवे कैसे तय करती है ट्रेनों के नाम, किसकी क्या रही विशेषता चीखती रहीं महिलाएं लेकिन नहीं रुकी कार्रवाई बता दें, बीडीए को अपनी जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान उसे काफी विरोध भी झेलना पड़ा। यहां रोती बिलखती महिलाओं ने कई बार अधिकारियों को रोकने का प्रयास किया। कई महिलाएं बुलडोजर के आगे आ गई जिन्हें वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने हटाया। महिलाएं बीडीए के अधिकारियों के सामने रोती रही, गिड़गिड़ाती रही लेकिन बीडीए के अफसरों ने उनकी एक भी नही सुनी और पूरी जमीन जो कब्जामुक्त करवा लिया गया। अभी तक बरेली विकास प्राधिकरण ने बिचपुरी गांव में अवैध कब्जा करके बनाये गए 100 मकानों को जमींदोज किया है, जबकि अभी चंदपुर और डोहरिया गांव के 500 मकानों पर बुलडोजर चलना बाकी है।
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गौतमबुद्ध नगर: इस दिन से नहीं चल सकेंगे बिना मीटर वाले ऑटो, आदेश नहीं मानने पर होगी कार्रवाई अफसरों की मिलीभगत से होता रहा निर्माण बताया जाता है कि बीडीए की तरफ से यहां रह रहे मकानवासियों को अब तक कई बार घर खाली करने के लिए नोटिस दे चुका है लेकिन अभी तक लोगो ने घर खाली नही किये है। जिसके बाद अब बीडीए पुलिस बल के साथ घरो को खाली करवाकर बुलडोजर चलवा रहा है। बताया ये भी जाता है कि बीडीए कई साल पहले इस जमीन का अधिग्रहण कर किसानों को उनका पेमेंट कर चुका है। लेकिन उसने जमीन पर कब्जा नहीं किया। इस बीच बीडीए के अफसरों की मिलीभगत से वहां निर्माण होते चले गए। जिन किसानो ने जमीन बेची थी उन्ही किसानो ने अन्य लोगो को जमींने बेच दी और लोगो ने वहां पर आलीशान मकान बना लिए।