भगवत सरन गंगवार नवाबगंज में अहमदाबाद गांव के रहने वाले हैं। स्नातक पास भगवत सरन गंगवार पहले भाजपा के टिकट पर नवाबगंज से विधायक बने थे। इसके बाद से वह चार बार से सपा में विधायक रहे हैं। सपा सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री, दूसरी बार प्रदेश के लघु उद्योग और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री रह चुके हैं। बरेली में सपा के जिलाध्यक्ष रहे हैं। बरेली के सांसद संतोष गंगवार के रिश्ते के साढ़ू भी हैं। संतोष गंगवार के खिलाफ दो बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि वह चुनाव जीत नहीं पाये। पिछली दो बार से वह विधानसभा चुनाव भी हारे हैं। पहले उन्हें भाजपा के दिवंगत नेता केसर सिंह गंगवार ने चुनाव हराया था। दूसरी बार नवाबगंज से भाजपा विधायक डा. एमपी आर्या से भगवत सरन गंगवार चुनाव हार गए थे। भगवत सरन गंगवार को कर्मठ और जुझारू वह जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है। कुर्मी समेत सभी बिरादरियों में उनकी जबरदस्त पकड़ मानी जाती है। नेताजी मुलायम सिंह यादव के बाद वह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भी विश्वासपात्र नेताओं में हैं।
बरेली में आईएएस के दांव ने कर दी दिग्गज नेताओं की पकड़ ढीली यूपी के एक आईएएस ने बरेली लोकसभा के टिकट के लिए भाजपा से लामबंदी शुरू कर दी है। भाजपा के शीर्ष नेताओं से आईएएस की मुलाकात हो गई है। भाजपा हाईकमान अगर हरी झंडी देता है तो आईएएस नौकरशाही का चोला उतारकर खद्दर पहनने की तैयारी में है। आईएएस का बरेली से खास नाता है। बरेली लोकसभा आईएएस की जन्मभूमि है। वहीं भाजपा के दिग्गज और आठ बार के सांसद संतोष गंगवार के टिकट पर अभी तक पार्टी हाईकमान कोई फैसला नहीं ले पाया है। संतोष गंगवार कुर्मी बिरादरी समेत बरेली की राजनीति के सर्वमान्य नेता हैं। सरल, मृदुभाषी और निर्विवाद छवि है। इसके बावजूद उनका टिकट फाइनल न होने से समर्थकों में खासी मायूसी है। उनके टिकट के विकल्प के तौर पर कई नामों की चर्चा हो चुकी है। बरेली में भाजपा का टिकट फाइनल होने के बाद सपा अपनी रणनीति और टिकट दोनों बदल सकती है।
कुर्मी प्रत्याशियों में छत्रपाल और सामान्य में डा. उमेश गौतम सबसे आगे बरेली से टिकट की कतार में बहेड़ी से विधायक रहे पूर्व मंत्री छत्रपाल गंगवार का नाम सबसे ऊपर है। हालांकि पहले वह पीलीभीत से टिकट मांग रहे थे। लेकिन भाजपा पीलीभीत और बरेली दोनों लोकसभा में कुर्मी बिरादरी के प्रत्याशियों को नहीं उतारेगी। इस वजह से आरएसएस की पृष्ठभूमि के नेता छत्रपाल गंगवार का नाम अब बरेली से चल रहा है। इसके अलावा आरएसएस के चहेते डा. हरिशंकर गंगवार का नाम भी भाजपा से टिकट पाने वालों की सूची में है। भाजपा बरेली से कुर्मी बिरादरी को छोड़कर किसी को भी टिकट देगी तो उनकी पहली पसंद मेयर उमेश गौतम हैं। मेयर उमेश गौतम ने सबका साथ सबका विकास की अपनी छवि को काफी मजबूत किया है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी के जरिए मेयर डा. उमेश गौतम ने बरेली के विकास को पंख लगाए हैं।
पीलीभीत से जितिन, बदायूं में मौर्या या मां बेटे टिकट की कतार में पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद का नाम पीलीभीत में भाजपा से टिकट पाने वालों में सबसे ऊपर है। पार्टी अगर वहां जितिन को टिकट देगी तो संतोष गंगवार, छत्रपाल को बरेली से लड़ाया जा सकता है। पीलीभीत में छत्रपाल को टिकट मिलता है तो बरेली से उमेश गौतम को चुनावी समर में उतारा जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और भाजपा केा एक कद्दावर मौर्या नेता को बदायूं से शिवपाल यादव के खिलाफ टिकट देने की बात चल रही है। शुक्रवार देर रात तक सभी टिकट फाइनल हो जाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में मंथन चल रहा है।