
बरेली। सावधान शहर में घूम रहे हैं तो खतरनाक नस्लों के कुत्तों से बच कर रहें। शहर में पाले जा रहे दस हजार कुत्तों में 500 कुत्ते खतरनाक नस्लों के कुत्ते जैसे पिटबुल, रोटवेलर, डाबरमैन खुलेआम घूम रहे हैं। हाल ही में सीबीगंज के शिव ज्ञान डिग्री कालेज के मालिक शंकर लाल गंगवार के बेटे आदित्य पर उन्हीं के पिटबुल ने हमला कर चेहरे से मांस नोंच लिया था।
नगर निगम क्षेत्र में पिछले 25 सालों में खतरनाक कुत्तों पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। 2022 में शहर के बिहारीपुर इलाके में पिटबुल से परेशान लोगों ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई थी। नगर निगम की टीम ने कुत्ते के मालिक को रजिस्ट्रेशन कराने और पड़ोसियों से सहमति पत्र लेने का निर्देश दिया था। शहर में करीब दस हजार कुत्ते पाले जा रहे हैं, लेकिन नगर निगम में महज 120 कुत्तों का ही रजिस्ट्रेशन है।
500 से अधिक विदेशी नस्लों के कुत्ते नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. आदित्य तिवारी के अनुसार, शहर में पिटबुल और जर्मन शेफर्ड जैसी नस्लों के लगभग 500 कुत्ते हैं, हालांकि इसका सटीक आंकड़ा सर्वे के बाद ही सामने आएगा। इनमें पमेरियन, लैब्राडोर, बीगल, पग, डाबरमैन, बुलडॉग और जैक रसेल जैसी विदेशी नस्लें भी शामिल हैं। नगर निगम में पालतू कुत्तों का पंजीकरण शुल्क मात्र दस रुपये रखा गया है। पिछले 25 वर्षों में नगर निगम के रिकॉर्ड में केवल 120 पंजीकरण दर्ज हैं, जबकि जानकारों के मुताबिक शहर में 10 हजार से अधिक पालतू कुत्ते हैं।
.देशी या विदेशी कुत्तों और बिल्लियों का नगर निगम में पंजीकरण अनिवार्य है।
.पंजीकरण के दौरान मालिक का आधार कार्ड और कुत्ते के एंटीरैबीज इंजेक्शन की जानकारी भी दी जानी चाहिए।
.मालिक पर यह जिम्मेदारी है कि कुत्ता सार्वजनिक स्थानों जैसे सड़क और पार्क में गंदगी न फैलाए।
.सार्वजनिक स्थानों पर कुत्ते को ले जाने पर पाबंदी है।
.कुत्ते के मालिक को अपने पड़ोसियों से भी सहमति लेनी होगी।
Published on:
12 Nov 2024 06:22 pm
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