बरेली के वीर सावरकर नगर कॉलोनी के रहने वाले छात्र चित्रांश सक्सेना और उसके 15 दोस्तों का ग्रुप कुछ नया करना चाहता था। दोस्तों के इस ग्रुप में करीब आठ लड़कियां भी शामिल है। दोस्तों का ये ग्रुप अक्षय कुमार की फिल्म पैड बैंक से इतना प्रभावित हुआ कि इन लोगों ने महिलाओं के लिए पैड उपलब्ध कराने की ठान ली। गरीब महिलाओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए इन लोगों ने जून 2018 पैड बैंक की शुरुआत कर दी। डेलापीर के पास वीर सावरकर नगर में पैड बैंक को खोला गया। इस पैड बैंक में 15 दोस्त है जो इस अनोखे बैंक का काम संभालते है। ये सभी छात्र छात्राएं अलग-अलग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे है और अपनी पॉकेट मनी से पैड बैंक चला रहे हैं। अब तक ये टीम 15 हजार से ज्यादा पैड महिलाओं और लड़कियों को उपलब्ध करा चुकी है।
ये लोग गाँव और शहर के आसपास के इलाके में जाकर महिलाओं और किशोरियों को जागरूक कर सैनेटरी पैड इस्तेमाल करने की सलाह देते है और अगर उनके पास पैड खरीदने के पैसे नही है तो उन्हें निःशुल्क पैड दिए जाते है। महिलाओं और किशोरियों को सेनेटरी पैड के प्रति प्रेरित करने का काम पैड बैंक की लड़कियां बख़ूबी अंज़ाम दे रही है और उन्हें जागरूक भी कर रही है। धीरे धीरे ये बैंक जिले में प्रसिद्ध हो रहा है और इस समय करीब 153 महिलाएं और किशोरियों के इस बैंक में एकाउंट खोले जा चुके है।
पैड बैंक की टीम ने महिला यात्रियों की सुविधा के लिए सैटेलाइट बस अड्डे पर सेनेटरी पैड की वेंडिंग मशीन भी लगवाई है। इस मशीन में पांच रूपये का सिक्का डालने से पैड उपलब्ध हो जाता है। चित्रांश सक्सेना का कहना है कि उनके पैड बैंक की टैग लाइन है स्वच्छ रहेगी बेटी तो स्वस्थ्य रहेगी बेटी और वो और उनकी टीम इसी थीम पर कार्य कर रही है।