ये भी पढ़ें गौ तस्कर को पकडऩे गई पुलिस टीम पर हमला 25 पुलिसकर्मियों की सेवाएं समाप्त डीआईजी राजेश पांडे ने बताया कि ऐसे पुलिस वाले जो दागदार हैं , भ्रस्टाचार में लिप्त हैं , नकारा हैं या उन पर आपराधिक मामले दर्ज है। ऐसे सभी पुलिस वालो को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। डीजीपी के निर्देश पर स्क्रीनिंग कमेटी ने काफी मंथन के बाद बरेली रेंज के ऐसे 25 पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति Compulsory Retirement पाने वाले सभी कर्मचारियों को 3 महीने का एडवांस वेतन के साथ रिटायरमेंट की अन्य सभी सुविधाएं भी दी जाएगी। डीआईजी की रेंज स्तरीय कमेटी में सात लोगो के नाम तय किये गए। इनमें फरीदपुर सीओ के स्टेनो का काम देख रहे इंस्पेक्टर ब्रम्हपाल सिंह, बदायू में तैनात दरोगा नेमपाल सिंह, रोहिल हुसैन, विजयपाल सिंह, शाहजहाँपुर में तैनात दरोगा अशोक कुमार विश्वकर्मा, सतेंद्र कुमार मलिक और शाहजहाँपुर में ही लिपिक वर्ग में तैनात एसएसआई जय किशन के नाम शामिल है। वही एसएसपी ने जिले में 6 पुलिस वालों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। Compulsory retirement इनमें एसआई महेंद्र सिंह, हेड कॉन्स्टेबल शिवकुमार सिंह, कॉन्स्टेबल नन्हकी लाल, प्रीतम सिंह, अयूब खा, और गंगाराम का नाम शामिल है।
ये भी पढ़ें थाने में हत्या के आरोपी ने की खुदकुशी, मच गया हड़कम्प, एसएसपी ने तीन को किया निलंबित लूट से लेकर मर्डर तक में शामिल रहे पुलिसकर्मी पुलिस महकमे में हुई इस Compulsory retirement कार्रवाई से अन्य पुलिस कर्मियों में भी हड़कंप मचा हुआ है क्योकि जिले में तमाम ऐसे पुलिसकर्मी है जो पूर्व में महकमे की छवि खराब कर चुके हैं। ये पुलिसकर्मी गौकशी से लेकर लूट और मर्डर तक में शामिल रहे हैं। पीरबहोड़ा में तीन पुलिसकर्मियों ने एक युवक को कुचल कर मार दिया था। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था इसी तरह बारादरी में भी पुलिसकर्मियों पर मीट व्यापारी की हत्या का आरोप लगा था। आरोपी पुलिसकर्मी निलंबित हुए थे। भोजीपुरा में भी दरोगा की पिटाई से रिटायर्ड शिक्षक की मौत हो गई थी। एडीजी के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ उसे पुलिस ने आज तक गिरफ्तार नहीं किया। जबरन उगाही में भी पुलिस पीछे नहीं है। देवचरा के एक व्यपारी को एक सिपाही और दरोगा ने अगवा कर बंधक बना लिया था और उसे झूठे मामले में जेल भेजने की धमकी देकर पांच लाख रूपये मांगे गए थे पता चलने पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था इसी तरह सिरौली पुलिस ने भी ग्रामीण को पकड़ कर रुपयों की मांग की थी जिसके कारण इंस्पेक्टर को हटाया गया था।