पांच बार बदायूं सीट से सांसद रह चुके हैं शेरवानी सलीम शेरवानी बदायूं लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं। सलीम शेरवानी राजीव गांधी के करीबी नेताओं में एक रहे हैं और वो केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके है। सलीम शेरवानी ने पहली बार 1984 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड कर यहाँ जीत हासिल की थी। लेकिन बाद में वो कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए जिसके बाद उन्होंने 1996 से 2004 तक लगातार समाजवादी पार्टी के टिकट पर बदायूं से चुनाव लड़ा और जीता। 2009 में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने उनका टिकट काट कर अपने भतीजे धर्मेंद्र यादव को टिकट दे दिया जिसके बाद सलीम शेरवानी एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौटे और बदायूं से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में सलीम शेरवानी ने 26.29 प्रतिशत वोट हासिल किए और धर्मेंद्र यादव के लिए परेशानी खड़ी कर दी। 2009 के चुनाव में धर्मेंद्र यादव ने बसपा के डीपी यादव को 32542 वोटों से हरा कर जीत हासिल की थी। 2014 के चुनाव में सलीम शेरवानी बदायूं की पड़ोसी सीट आंवला से चुनाव लड़े लेकिन यहाँ पर वो चौथे नंबर पर रहे थे जिसके बाद एक बार फिर सलीम शेरवानी ने बदायूं सीट का रुख किया है।
बदायूं लोकसभा सीट का समीकरण बदायूं लोकसभा सीट में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का वर्चस्व। यहां दोनों ही मतदाता करीब 15-15 फीसदी हैं। 2014 के आंकड़ों के अनुसार यहां करीब 18 लाख मतदाता हैं, इसमें 9.7 लाख पुरुष और 7.9 लाख महिला मतदाता हैं। बदायूं लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिल्सी और बदायूं शामिल हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इसमें से सिर्फ सहसवान सीट पर ही समाजवादी पार्टी जीत पाई थी, जबकि बाकी सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी थी।