बहेड़ी में हुई थी वारदात पीड़िता के पिता ने 12 दिसंबर 2012 को बहेड़ी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि उनके दामाद का भांजा नदीम उसकी नाबालिग बेटी को बाइक से लेकर जा रहा था। गन्ना उत्पादक डिग्री कॉलेज के पास नदीम के एक नाबालिग साथी समेत राहत, छत्रपाल , जितेंद्र, राकेश, शोभित, अमित, मुंशी और सुनील मिल गए। आरोप था कि नदीम और उसके साथियों ने किशोरी के साथ बारी से बारी रेप किया और लड़की का वीडियो बना लिया। लड़की के पिता ने नदीम समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसके बाद गांव में हुई पंचायत के बाद पीड़िता की शादी नदीम से करा दी गई और पीड़िता ने नदीम के पक्ष में बयान दिया जिसके कारण पुलिस ने नदीम को क्लीन चिट दे दी और सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और आईटी एक्ट के तहत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।
छह को हुई सजा नाबालिग आरोपी की सुनवाई किशोर न्यायलय में विचाराधीन है। जबकि पीड़िता ने एक अन्य आरोपी राहत के बारे में बताया कि घटना के समय वो उसे बचा रहा था जिससे राहत को भी बरी कर दिया गया। जबकि एक आरोपी सुनील के फरार होने पर उसकी केस फ़ाइल अलग कर दी गई। बाकी बचे छह आरोपियों को अदालत ने गैंगरेप का दोषी माना और छत्रपाल, जितेंद्र , राकेश, शोभित, मुंशी और अमित को बीस बीस साल कैद की सजा सुनाई गई।