scriptदरगाह आला हजरत पर सम्पन्न हुई ग़ुस्ल शरीफ की रस्म, सोमवार को उर्स का आगाज | Dargah Ala Hazrat Urs e Razavi Start on Monday in Bareilly | Patrika News

दरगाह आला हजरत पर सम्पन्न हुई ग़ुस्ल शरीफ की रस्म, सोमवार को उर्स का आगाज

locationबरेलीPublished: Nov 12, 2017 06:09:17 pm

उर्स के एक दिन पहले दरगाह आला हजरत पर सूफियाना रस्मो रिवाज के साथ ग़ुस्ल शरीफ और संदल शरीफ की रस्म अदा की गई।

Dargah Ala Hazrat

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बरेली। आला हजरत का 99 वां उर्स 13 नवंबर सोमवार से शुरू हो रहा है। तीन दिन तक चलने वाले उर्स-ए-रज़वी में देश विदेश के लाखों जायरीन हिस्सा लेंगे। उर्स के एक दिन पहले दरगाह आला हजरत पर सूफियाना रस्मो रिवाज के साथ ग़ुस्ल शरीफ और संदल शरीफ की रस्म अदा की गई। ये रस्मे दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां की सरपरस्ती में और सज्जादानशीन मौलना अहसन रज़ा कादरी की मौजूदगी में संपन्न हुई।

जायरीनों के लिए खोला गया म्यूजियम
दरगाह आला हजरत की विशेषता है कि यहां होने वाली ये रस्म सय्यदज़ादे के हाथों अदा करायी जाती है। इस साल यह रस्म दरगाह ख्वाजा ग़रीव नवाज़ के गद्दीनशीन और औलादे गौसे आज़म हज़रत सय्यद अब्दुल क़ादिर साहिब हज़रत सय्यद आसिफ़ मियां के हाथों अदा की गई। इस मौक़े पर पहले फ़ातिहा ख़्वानी हुई फिर पुरानी चादर को उतारा गया। गुलाब जल का छिड़काव कर संदल मला गया। उसके बाद दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां और अहसन मियां ने नई चादरें चढ़ाईं। इस मौक़े पर तबुर्रकात म्यूज़ियम को भी आम ज़ायरीन के लिए खोला गया।

ये होंगे उर्स के कार्यक्रम
13 नवंबर को इस्लामिया मैदान में परचम कुशाई की रस्म के साथं उर्स का आगाज हो जाएगा जिसके बाद रात्रि 8:30 बजे ऑल इण्डिया मुशायरा होगा। जिसमें देश और विदेश से आए शायर और कवि हिस्सा लेंगे। 14 नवम्बर को फज्र की नमाज के बाद कुरान ख़्वानी व नात व मनकबत और सुबह उर्से रिहाने मिल्लत मनाया जायेगा। सुबह 10:30 बजे से हिन्दुस्तानी मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा तथा मुस्लिम पर्सनल लॉ की सुरक्षा और इस समय इस्लाम और मुसलमानों के विरूद्ध जो भ्रम और संदेह की स्थिति पैदा की जा रही है उसके सम्बन्ध में चिंतन तथा विचार विमर्श करने हेतु ‘तदवीरे फलाह और नजात’ का आयोजन दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां की सरपरस्ती और हज़रत अहसन मियां की सदारत में होगा। जिसमें देश-विदेश के लगभग 20 हज़ार उल्मा और मुफ़्ती शामिल होंगे। रात्रि 9 बजे से मुफ़्ती-ए-आज़म हिन्द का उर्स प्रारम्भ होगा। जिसमें देश-विदेश के उल्मा और शायर तक़रीरें और अपना नातिया कलाम पेश करने के साथ ही मुफ़्ती-ए-आज़म हिन्द की ज़िन्दगी मुबारक पर रौशनी डालेंगे। रात्रि 1:40 बजे मुफ़्ती-ए-आज़म हिन्द के कुल की रस्म अदा की जायेगी।

15 तारीख को होगा कुल शरीफ
15 नवंबर को दोपहर में 2:38 बजे आलाहज़रत का कुल शरीफ होगा। जिसके बाद अहसन मियां दुआ करेंगे। उसके बाद दरगाह सुब्हानी मियाँ देश-विदेश से आने वाले ज़ायरीन को सिलसिला-ए-रज़विया क़ादरिया में मुरीद करेंगे।

ये लोग रहे मौजूद
ग़ुस्ल शरीफ के मौक़े पर मुफ़्ती मोहम्मद सलीम नूरी, मुफ़्ती आक़िल, मुफ़्ती अफरोज़ आलम, मुफ़्ती अनवर अली, मुफ़्ती सय्यद कफील अहमद, सय्यद शाकिर अली, मुफ़्ती जमील खां, मुफ़्ती मोईन खां, मौलाना अख़्तर, मौलाना एजाज अन्जुम, कारी अब्दुल हकीम, सय्यद जुल्फी, मौलाना अबरारुल हक, अजमल नूरी, मोहम्मद जुबैर रज़ा खां, शाहिद खां नूरी, औरंगज़ेब खां नूरी, परवेज़ खां समेत तमाम लोग मौजूद रहें।
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