ये भी पढ़ें मोहर्रम विवाद- भाजपा विधायक के बाद समाजवादी पार्टी भी पुलिस कार्रवाई से नाराज, कर दी बड़ी मांग तलाक से औरत की जान की हिफाजत दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स ए नूरी के मौके पर सज्जादानशीन अहसन मियां ने कहा कि मज़हब ए इस्लाम में तलाक को नापसंदीदा अमल में शुमार किया गया है। एक वक्त में तीन तलाक देने से तलाक हो जाएगी लेकिन शरीयत में इसे नापसंद किया गया है। जायज़ बातों में अल्लाह के नजदीक सबसे नापसंदीदा अमल तलाक है। अगर किसी बात को लेकर मियां-बीबी में तकरार है और नौबत तलाक तक पहुँच जाए तो एक वक्त में एक ही तलाक दे ताकि सुलह की गुंजाइश बनी रहे। तीन तलाक देने से तलाक हो जाएगी। इस सूरत में तलाक से औरत की जान की हिफाज़त हो जाएगी। किसी औरत की जान पर बन आए इससे पहले तलाक दे कर उससे अलग होना ही बेहतर है। वही मुल्क़ भर से आये उलेमा ने कहा कि मुस्लिम औरतो की हुक़ूमत को इतनी फिक्र है तो पहले ज़किया जाफरी, बिलकीस बानो, कौसर बी,अखलाक, नजीब, पहलू खान, मिनहाज़ अंसारी की माँ को इंसाफ दिलाया जाए। साथ ही हुकुमत दहेज़ पर भी कानून बनाये जिसके लिए औरतों को जला कर मार दिया जाता है।
ये भी पढ़ें
ये भी पढ़ें
मोदी सरकार की फिर बढ़ेंगी मुश्किलें, अब 28 सितंबर को होगा भारत बंद सुब्हानी मियां की सदारत में हुआ उर्स दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियाँ की सदारत में 38वां उर्स ए नूरी मनाया गया। उर्स का आगाज बाद नमाज़ ए फज़र कुरानख्वानी से हुआ। तिलावत कारी रिज़वान अहमद ने की। मिलाद का नज़राना हाजी गुलाम सुब्हानी ने पेश किया। देर रात एक बजकर चालीस मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। मौलाना मुख्तार बहेड़वी, मुफ़्ती सलीम नूरी, मुफ़्ती आकिल रज़वी,मुफ़्ती अयूब,कारी अब्दुर्रहमान खान, कारी इकबाल, मौलाना ज़िकरुल्लाह, कारी अमानत रसूल, फ़ारूक़ मदनापुरी आदि ने मुफ़्ती ए आज़म हिन्द के दीनी खिदमात पर रोशनी डाली।