दहेज के लिए किया जाने लगा परेशान शीशगढ़ कस्बे में रहने वाली अकसीर जहां का निकाह शीशगढ़ के ही रहने वाले मुस्तजाब से 9 अक्टूबर 2014 को हुआ था। निकाह के बाद से ही अकसीर को ससुराल में दहेज के लिए परेशान किया जाने लगा और मायके से रुपये लाने का दबाव डाला जाने लगा। अकसीर के साथ ससुराल में मारपीट भी की जाने लगी जिसके कारण वो मायके आ गई लेकिन उसके पिता ससुराल वालों की मांग पूरी कर उसे ससुराल छोड़ आए।
तलाक देकर घर से निकाला कुछ दिन अब कुछ ठीक ठाक रहा लेकिन अकसीर को फिर से परेशान किया जाने लगा इस बीच अकसीर ने एक लड़के को भी जन्म दिया। बावजूद इसके उसका उत्पीड़न जारी रहा और उसके शौहर ने दूसरी शादी कर उसे 4 जून 2019 को तलाक देकर घर से निकाल दिया गया। अकसीर ने अपने पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए पुलिस से शिकायत की लेकिन काफी भागदौड़ करने के बाद 6 अगस्त को उसका मुकदमा शीशगढ़ थाने में दर्ज हुआ लेकिन पुलिस ने पति की गिरफ्तारी नहीं की।
मुख्यमंत्री तक पहुँचा मामला इस बीच अकसीर जहां तलाक पीड़ित महिलाओं की मदद करने वाली फरहत नकवी के सम्पर्क में आई और फरहत नकवी के साथ वो लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई तलाक पीड़ित महिलाओं की बैठक में शामिल हुई। जहां पर तलाक पीड़ित महिलाओं द्वारा पुलिस की इन मामलों की ढिलाई की शिकायत हुई जिसके बाद फरहत नकवी की मदद से शीशगढ़ पुलिस ने 31 अक्टूबर को अकसीर के शौहर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अकसीर के पति को फिलहाल जमानत पर रिहा किया गया है लेकिन अकसीर चाहती है कि उसके पति को सजा मिले।