पत्रिका ने उठाया था सवाल प्रशासन ने जो सूची शासन को भेजी थी उनमें ज्यादातर गांव के ही भूमाफियों को शामिल किया गया था जबकि शहर में तमाम कॉलोनियां और बारातघर ऐसे हैं जो नहर की जमीन का काफी रकबा दबा कर खड़े किए गए हैं, इनमें से ग्रीन पार्क, सन सिटी, नॉर्थ सिटी समेत कई कॉलोनियां और बारातघर हैं। बेशकीमती सरकारी जमीन कब्जा कर बिल्डरों ने अरबों रूपये कमाए हैं।पत्रिका ने टॉप 10 भूमाफिया सूची पर सवाल उठाया था। अब एक बार फिर से शहर में नहर और नदी की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी आर विक्रम सिंह ने सिंचाई विभाग और बीडीए के अफसरों को कॉलोनियों, बारातघरों के नक्शों एवं लेआउट के साथ 20 दिसंबर को तलब किया है।
कई डीएम आए और गए नहीं हुई कार्रवाई अवैध रूप से नहर की जमीन पर कब्जा कर खड़ी की गई ग्रीनपार्क कॉलोनी की जांच सपा सरकार में डीएम रहे अभिषेक प्रकाश ने शुरू कराई और जांच चल ही रही थी कि उनका तबादला हो गया जिसके बाद एक के बाद एक चार डीएम बदल गए लेकिन नहर की जमीन से कब्जा नहीं हट पाया जबकि सभी डीएम ने नहर और नदी की जमीन को कब्जा मुक्त करने का दावा किया था। अब मौजूदा डीएम ने भी नहर और नदी की जमीन को कब्जामुक्त कराने की सोची है।
सिचाईमंत्री का जिला है बरेली प्रदेश सरकार में सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह खुद बरेली के रहने वाले हैं और वो आंवला विधानसभा से विधायक हैं बावजूद इसके बरेली में ही नहर की तमाम जमीनों पर अवैध कब्जे हैं और सिंचाई विभाग के अफसर सिंचाई विभाग की जमीन को ही कब्जामुक्त नहीं करा पा रहे हैं।